सजे आनी बानी /पुनीत साहू/परमानंद कठोलिया
════════❀════════
गीत - सजे आनी बानी
गायक - पुनीत साहू
गीतकार - परमानंद कठोलिया
वेबसाईट - www.cgjaslyrics.com
वेबसाईट ऑनर - के के पंचारे
════════❀════════
मुखड़ा
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
उड़ान -जारे जारे सुवा लेजा लिख लिख तैहा पतिया
अंतरा -1
ब्रम्ह लोक जा ब्रम्ह कहिबे विष्णु लोक जा बैकुण्ड
शिव लोक जा शिव ला कहिबे अउ जाबे सातो कुण्ड
उड़ान - जगमग जगमग जोत जलत हे नव दिन अउ नवरतिहा
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
अंतरा -2
कृष्ण लोक जा कृष्ण कहिबे अउ कहिबे गणेश ला
पाताल पूरी जा वाशु नाग अउ कहिदेबे तै शेष ला
उड़ान - तोरण पताखा सजे हे सुघ्घर रददा मा हावे तरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
अंतरा -3
भूले बिसरे ला हाथ जोड़ के कहिदेबे संदेश ला
यज्ञ रचे हव डीही डोंगर में हरही मोर कलेश ला
उड़ान - देवी देवता के चरण परत जा फूल जाही तोर छतिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
अंतरा -4
धरम दुवारी लीम के छईया शीतला माता के डेरा
परमानंद कठोलिया कहिथे होंगे विसर्जन बेरा
उड़ान - नम्मी के दिन बरत बरत निकलही सब झन बनहुँ बरतिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
सजे आनी बानी दाई के दुवरिया
════════❀════════
गीत के अर्थ
ये गीत देवी माई के भक्ति अउ नवरात्र तिहार के गीत आय। गीत मं बताइस गे हे कि नवरात्र के दिन माता के दुआर, आंगन अउ मंदिर मन बड़े सुंदर संगे सजत हे। तोता (सुवा) ला दूत बनाके संदेश भेजे जावत हे कि माई तक भक्तमन के प्रार्थना पहुंचा दे।
गीत मं देवी के महिमा ला गायक हा बताये गेहे कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, कृष्ण, गणेश, शेषनाग जइसने सबो देवता मन घलो माई के स्तुति करथें। माई के महिमा सिरिफ धरती मं नोहय, स्वर्ग, पाताल अउ सबो लोक मं गूंजथे।
ए गीत भक्ति अउ श्रद्धा के महत्व बताथे। जे मन देवी ला भूले-बिसरे हवंय, ओमन घलो माई के संदेश सुने के बाद वापस भक्ति मं जुड़ जाथें। पूजा-पाठ, हवन अउ यज्ञ डोंगर-डीही जइसने गाम-गांव मं आयोजित करके संगी-साथी मिलके दुख-दर्द, क्लेश दूर करथें।
अंत मं गीत मं धर्म-दुआर, शीतला माता के आंगन अउ विसर्जन के रस्म के बखान करे गे हवय। नवरात्र मं व्रत-उपवास रखे लोगन के जीवन मं शांति, सुख अउ समृद्धि आ जाथे।
गीत के महत्व
ये गीत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक देवी भक्ति अउ नवरात्री तिहार मा गाय जाय के बड़ महत्व रखथे। गीत मं देवी माताजी के महिमा, लोक-परंपरा अउ भक्ति भावना के बखान होइस हे।
गीत के उद्देश्य
(2)छत्तीसगढ़ी संस्कृति अउ गीत-संगीत के संरक्षण करना।
(3)नवा पीढ़ी ला परंपरा संगे जोड़े रखना।
गायक परिचय (पुनीत साहू)
पुनीत साहू छत्तीसगढ़ के ख्यातिप्राप्त भक्ति जस गीत गायक हे। इनके अवाज मं मधुरता अउ भक्ति भावना के अलग चिन्हा मिलथे। पुनीत साहू जी अपन गायिकी से गाना में जान डाल देते।ये अपन सुर संग छत्तीसगढ़ी संस्कृति ला आगे ले जाय मं लगे रहिथें।
गीतकार परिचय (परमानंद कठोलिया)
परमानंद कठोलिया छत्तीसगढ़ी के जाने माने जस गीतकार रिहिस हावे। जस गीत जगत के लोकप्रिय गीतकार हे। ये मन भक्ति, तिहार-परब अउ लोक परंपरा के विषय मं अपन लेखनी चलाके जन-जन मं भक्ति भावना ला पहुँचा थे।परमानद कठोलिया जी छत्तीसगढ़ के राजनाँदगाँव के रहईया आय। छत्तीसगढ़ के अधिकांश जस गीत लेखनी परमानन्द कठोलिया हा करे रिहिस।



टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें