जस लिरिक्स -कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया , गायक - स्व.मिथलेश साहू , CGJAS LYRICS,LYRICS JAS



गीत-कंकालिन मोरे माया 

गायक - स्व.मिथलेश साहू

म्यूजिक कंपनी -kk कैसेट 

वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे 

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मुखड़ा 

 कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे माया हो चंडालिन मोरे माया

उड़ान -" अब तो लोहा बांधे रे कंकालिन मोरे माया "

कंकालिन मोरे माया हो चंडालिन मोरे माया

अंतरा 1

घोलंड घोलंड के मैया चेंदरी सकेले

उड़ान -" सिली डारे नवा रंग टोपी हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे म

अंतरा 2

वहु तो भेष ला तै छोड़े ओ देवी कालिका

उड़ान -" लिये हो कुम्हारीन करा भेषे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

सिर पर गुढ़री गुढ़री पर बोझा

उड़ान -" अलिन गलिन करसा बेंचे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

अंतरा 3

वहु तो भेष ला तै छोड़े ओ देवी कालिका

उड़ान -" लिये हे कडरिने करा भेषे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

सिर पर गुढ़री गुढ़री पर बोझा

उड़ान -" अलिन गलिन चरिहा बेंचे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माय_

अंतरा 4

वहु तो भेष ला तै छोड़े ओ देवी कालिका

उड़ान -" लिये हे लोहारिन करा भेषे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

सिर पर गुढ़री गुढ़री पर बोझा

उड़ान -"अलिन गलिन खैरज बेंचे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

अंतरा 5

वहु तो भेष ला तै छोड़े ओ देवी कालिका

उड़ान -" लिये हे बराईन करा भेषे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

सिर पर गुढ़री गुढ़री पर बोझा

उड़ान -"अलिन गलिन लिमवा बेंचे हो "

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

कंकालिन मोरे मया हो चंडालिन मोरे माया

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गायक परिचय – स्व. मिथलेश साहू

स्वर्गीय मिथलेश साहू छत्तीसगढ़ के जाने-माने जस गीत गायक रहिन। एकर जन्म हरे 28 . 06 -1960 के ग्राम - बारू जिला -गरियाबंद म होय रिहिस।  शैक्षणिक योग्यता -एम.ए समाजशास्त्र ,अउ बी.एड घलो करे रिहिस। ओमन अपन गायकी ले देवी-देवता के जस ला जन-जन तक पहुँचाइन। "कंकालिन मोरे मया" जइसन गीत मन म माता के रूप, संघर्ष, अउ करुणा के गजब वर्णन हे, जेनला मिथलेश जी अपन भावपूर्ण सुर म गाइन। साथ ही साथ साहू जी हा छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध पिच्चर मया देदे मया लेले,परदेसी के मया ,तोर मया के मारे,कारी,फूलकुंवर म गायन व अभिनय करे रिहिन।साहू जी के प्रसिद्ध एल्बम मोर आजा सजन,मोर जहुंरिया,मोर मन बसिया,सुमिरन आदि रिहिस। छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच रंग सरोवर के संरक्षक व् मुख्य गायक रिहिस  


🎵 गीत – कंकालिन मोरे मया  ( छत्तीसगढ़ी म)

मुखड़ा:


👉 कंकालिन मोरे मया हो, चंडालिन मोरे माया
– ए बात म माता काली के कड़क रूप ला देखाय गे हे, फेर ओही रूप म ममता घलो समाहित हे।

👉 अब तो लोहा बाँधे रे कंकालिन मोरे माया
– मतलब, माता अब अत्याचार के खिलाफ लोहा बाँध के निकली हें। उहा के क्रोधित रूप, न्याय के संकेत देथे।


✍️ अंतरा के अर्थ (Chhattisgarhi M Arth)

🌾 अंतरा 1 – चेंदरी सिले वाली माता

"घोलंड घोलंड के मैया चेंदरी सकेले"
👉 माता ह चेंदरी (रंगीन कपड़ा) सिलत हें, टोपी रंगत हें। माने देवी ह सुघ्घर घरे-घरे काम करे वाली महिला के रूप म आवत हें।


🌾 अंतरा 2 – कुम्हारीन भेष

"लिये हो कुम्हारीन करा भेषे हो"
👉 माता ह कुम्हारीन के रूप म आय हें, सिर म गुढ़री, अउ करसा (मिट्टी के बर्तन) बेचत हें। एकर मतलब, माता गरीब, मेहनती के रूप म हर गली-गांव म हें।


🌾 अंतरा 3 – कडरिन भेष

"लिये हे कडरिने करा भेषे हो"
👉 माता कडरिन के रूप म चरिहा (मवेशी के चारा) बेचत हें। मतलब उहां रोजी-रोटी के जुड़त महिला बन के दर्शन देथें।


🌾 अंतरा 4 – लोहारिन भेष

"लिये हे लोहारिन करा भेषे हो"
👉 देवी ह लोहारिन बन गे हें, खैरज (लोहा  के चीज) बेचत हें। संकेत हे – मेहनतकश महिला घलो उहें आय।


🌾 अंतरा 5 – बराईन भेष

"लिये हे बराईन करा भेषे हो"
👉 माता बराईन बनके लिमवा (औषधीय झाड़) बेचत हें। एकर मतलब देवी ह समाज म सेवा करे वाली अउ जीवन दान करे वाली घलो बनथें।

 टीप -ये गीत ल नवरात्री मा जिहा माँ दुर्गा विराजमान रथे गांव गांव हां म सेवा गाय बर बइठथे त ये गीत ल जरूर गाय जाथे। 

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