सदा भवानी दाहिनी /पंडित युवराज पांडे /माता सेवा
════════❁════════
गीत -सदा भवानी दाहिनी
गायक -आचार्य पंडित यूवराज पांडेय जी
म्यूजिक कंपनी -बोल कालिया
गीत लेबल- पचरा गीत
वेबसाइट -www.cgjaslyrics.com
वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे
════════❁════════
मुखड़ा
सदा भवानी ,दाहिनी रहिबे माया मोर सनमुख गौरी गणेश हो माँ
मईया सनमुख गौरी गणेश हो माँ
सदा भवानी ,दाहिनी रहिबे माया मोर सनमुख गौरी गणेश हो माँ
मईया सनमुख गौरी गणेश हो माँ
मईया सनमुख गौरी गणेश हो माँ
अंतरा -1
पांच देव मिल रक्षा करिहय ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
पांच देव मिल रक्षा करिहय ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
उड़ान -माँ मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
मईया ब्रम्हा विष्णु महेश हो माँ
अंतरा -2
सुमिरन सुमिरन मईया तोरे जस गावत हव
जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
सुमिरन सुमिरन मईया तोरे जस गावत हव
जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
उड़ान -माँ मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
अंतरा -3
तोरे सुमिरन मईया पाप कटत हे
काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
मईया काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
तोरे सुमिरन मईया पाप कटत हे
काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
मईया काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
उड़ान - माँ मईया काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
मईया काया निर्मल होवत हे शरीर हो माँ
अंतरा -4
काहन लागे आड़ी काहन लागे बाड़ी
काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
काहन लागे आड़ी काहन लागे बाड़ी
काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
उड़ान -माँ मईया काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया काहन लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
अंतरा -5
फूलन लागे आड़ी फूलन लागे बाड़ी
लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
फूलन लागे आड़ी फूलन लागे बाड़ी
लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
उड़ान -माँ मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
मईया लोहा लागे बजुड़ा केवाड़ी हो माँ
अंतरा -6
खोली दे केवडिया दरश देदे मोला ओ
आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
खोली दे केवडिया दरश देदे मोला ओ
आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
उड़ान -माँ मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
मईया आवत हावय सेउक तुम्हारे हो माँ
अंतरा -7
सुमिरन सुमिरन मईया तोरे जस गावत हव
जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
सुमिरन सुमिरन मईया तोरे जस गावत हव
जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
उड़ान -माँ मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
मईया जय जय बोलत हव तुम्हारे हो माँ
════════❁════════
अर्थ (Arth)
ए गीत मं गायक युवराज पाण्डेय हा मईया भवानी के दाहिनी (दक्षिण) रहय के प्रार्थना करत हे। गीत के हर अंतरा मं देवी अउ देवता मन के नाम ले सुरता करत, वो मन ला रक्षा अउ आशीर्वाद देय बर गाथा गावत गे हवय।
(1) गीत मं "गौरी गणेश" ले लेके "ब्रह्मा, विष्णु, महेश" तक सब देवता ला संगवारी बनाके मईया के आगे रक्षा बर मनौती रखे गे हवय।
(2) भक्त कहिथे के मईया के जस गावत रहिबो त पाप कट जाही, तन-मन पवित्र हो जाही।
(3) गीत के कतको अंतरा मं गाढ़ विश्वास हावे – मईया के द्वार खोली दे, दर्शन देवव, भक्त मन ले भक्ति के सुरता लगाथें।
🌹 महत्व (Mahatv)
(1) धार्मिक महत्व – देवी भवानी के भक्ति अउ आराधना के भाव ला मजबूत करथे।
(2) सामाजिक महत्व – जस गीत सामूहिक रूप मं गावल जाथे, जिहां गाम-गांव के लोगन एक संग बइठ के मईया के नाम गाथा करथें।
(3) आध्यात्मिक महत्व – गीत गावत-गावत मन मं शांति, श्रद्धा अउ विश्वास के ऊर्जा मिलथे।
🌻 उद्देश्य (Uddeshya)
(1) मईया भवानी के आशीर्वाद ले भक्त मन के रक्षा अउ मंगलकामना करवाना।
(2) हर आदमी के भीतर भक्ति, श्रद्धा अउ विश्वास के ज्योति जगाय रखना।
(3) पाप के नाश करके तन-मन ला निर्मल व स्वच्छ बनाना
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें