सेवा म सेउक आये ओ/दुकालू यादव /छत्तीसगढ़ी जुड़वास जस लिरिक्स

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गीत-सेवा म सेउक आये ओ

गायक -दुकालू यादव 

गीतकार -दुकालू यादव 

म्यूजिक -दुकालू यादव

म्यूजिक कंपनी -DRY  MUSIC  

वेबसाइट -www . cgjaslyrics.com

वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे   

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मुखड़ा 

सेवा म सेउक आये ओ शीतला शीतल करबे सब के दुःख हरबे 

माता तोर होवत हे जुड़वास शीतला तोर होवत हे जुड़वास 

अंतरा -1 

नीम डारा तोला भाथे ओ हरदी पानी म जुराथे ना 

चना दार के भोग म दाई पेट हा तोर 

रोग राई ल भगाये बर दया के बूटी पीया देबे 

रोवत ल हसाये बर ममता अपन छलका देबे 

उड़ान - सतवंतीन शीतला कहाये ओ --ओ 

पाये पोटारे रहिबे अचरा म बांधे रखबे -2 

माता बस अतरी हावे आस -2 

सेवा म सेउक आये ओ शीतला शीतल करबे सब के दुःख हरबे 

माता तोर होवत हे जुड़वास शीतला तोर होवत हे जुड़वास 

अंतरा -2 

नीम डारा तोला भाथे ओ हरदी पानी म जुराथे ना 

चना दार भोग म दाई पेट हा तोर भर जाथे ओ 

गुगुर धूप हा सुहाथे ओ पूजा पाठ हा जगाथे ना 

भगत के भगति भाव म मनहा तोर कुमलाथे ओ 

उड़ान - आषाढ़ म तोला जुड़ाये ओ --ओ 

सुख शांति ल बरसाबे कोनो ल झन तरसाबे-2  

दाई तोर ऊपर हे विश्वास---आ -2  

सेवा म सेउक आये ओ शीतला शीतल करबे सब के दुःख हरबे 

माता तोर होवत हे जुड़वास शीतला तोर होवत हे जुड़वास   

  अंतरा -3  

गदहा  के तोर सवारी ओ हाथ म सूपा बाहरी ना 

तरिया पार म बइठे तै सबके करे रखवारी ओ 

स्वेत बरन के सिंगारी ओ तोर संवागा भारी ना 

शक्ति स्वरूपा शाखंभरि सबके तै महतारी ओ 

उड़ान - गांव शहर तैहा पुजाये ओ --ओ 

जुगजुग म तै अवतरके देवी रूप ल तै धरके -2 

कोसरिया सुमरे बारो मॉस -2 

सेवा म सेउक आये ओ शीतला शीतल करबे सब के दुःख हरबे 

माता तोर होवत हे जुड़वास शीतला तोर होवत हे जुड़वास   

तोर जुड़वास परब हे पावन | शीतला मइया जस गीत

 



गीत -  तोर जुड़वास परब हे पावन 
गायक -भरत जाटव 
गीतकार - स्व.चंद्रकांत बघ्धर्रा
म्यूजिक -सेवक राम यादव 
म्यूजिक कंपनी -चंदन म्यूजिक 
वेबसाइट -www . cgjaslyrics.com 
वेबसाइट ऑनर - के के पंचारे
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 मुखड़ा 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब  हे पावन

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन

उड़ान -हे शीतला मईया ----आ आ आ, 

हे लिमहीन  दाई 

जीव जन जेमा जुड़ावन 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन


अंतरा-1 

बादर के थाप म ---आ आ आ बिजली नैन चमकाये 

कोरस -बिजली नैना चमकाये हो माया मोर बिजली

 नैना चमकाये 

नाचे नचकारिन छम छम -----पानी पियासे मिटाये 

कोरस -पानी पियासे मिटाये  हो माया मोर पानी

 पियासे मिटाये 

उड़ान - सासे मा सास लाये महीना आषाढ़ ताये 

मासे माँ माँ  सुहावन 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन


अंतरा-2 

हरियागे हरियर फरियर -------र र र र अंतस बाहिर

 जरे चेतन 

कोरस -अंतस बाहिर जरे चेतन 

घोरे शीतल रूप शीतला ---आ आ आ किरपानी 

 किरपा केसन 

उड़ान -अंचरा के छईया ---आ तरी घोंडईया 

मारत दुःख ल बुरावन 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन

अंतरा-3  

हासत हासावत जुड़ मिल --इ इ लईका सियान सकलाथे 

कोरस  -लईका सियान सकलाथे हो माया

 मोर लईका सियान सकलाथे

धरके चढ़ावा पुरत भर ---र र र तोर मंदिरवा म आथे 

कोरस -तोर मंदिरवा म आथे हो माया मोर तोर

 मंदिरवा म  आथे 

उड़ान - चना दार हरदी कईचा पान फूल दूबी नाईका 

डारा पाना लिम के चघावन 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन

अंतरा-4 
 
दयावंतीन तोरे ..... फूले फरे जग वासी 

कोरस -फूले फरे जग वासी हो माया मोर फूले फरे जग वासी 

मानुष योनि जस गाथे...भोग के लख चौरासी 

कोरस -भोग के लख चौरासी हो माया मोरभोग के लख चौरासी 

उड़ान -  जय हनुमान के संग मा भरत बाघधर्रा रंग मा

भगति भगत रगावन 

तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन


तोर जुड़वास परब हे पावन तोर जुड़वास परब हे पावन

गायक परिचय – भारत जाटव जस सेवा गीत गायक 

भारत जाटव छत्तीसगढ़ के दुर्ग के रहइया आय।  एक सुरीला अउ भावुक भक्ति गायक घलो हावय। ओमन  मन

 विशेष करके शीतला दाई, दुर्गा माता, अउ देवी देवता मन ऊपर आधारित जस गीत ला अपन मधुर आवाज म

 गाके लोकमन म बसा डारे हावय।

भारत जाटव के आवाज म गजब के मिठास हावयजऊन मनखे मन ला भक्ति म रंग देथे। उहाँ के गाना मन म गांव-

गंवई के सोंधापन साफ झलकथे। जब नवरात्रि के समय आथे तब एकर गीत दुर्गा पंडाल म सुनाई देथे। 


गीतकार परिचय – चंदू बघधर्रा (स्व. चंद्रकांत बघधर्रा)

स्वर्गीय चंदू बघधर्रा छत्तीसगढ़ के नामी जसगीतकार रहिन। एकर रचना मन म गांव के आस्था, देवी भक्ति, अउ

 संस्कृति के गजब के झलक रहिथे।

शीतला दाई ऊपर लिखे गीत "तोर जुड़वास परब हे पावन" मा उहाँ के भक्ति अउ भावना साफ झलकथे।


चंदू बघधर्रा अपन लेखनी ले छत्तीसगढ़ के लोक साहित्य ला समृद्ध करे हवंय।

गीत के अर्थ  (छत्तीसगढ़ी भाषा  में)

ए गीत छत्तीसगढ़ के पारंपरिक जुड़वास परब ला समर्पित आय, जऊन शीतला मइया के उपवास, पूजा-पाठ अउ लोक आस्था ले जुड़े हवय। ए परब म गांव के मनखे मन मइया ला बड़ भक्ति भाव ले पूजथें।

गीत म बारीस के सुरुआत, बिजुरी के चमक, नचइया मन के छम-छम नाच, हरियर हरियाली अउ मंदिर म चढ़ावा चढ़ाय के संस्कृति ला बड़े सुंदर ढंग ले देखाय गे हवय।

  • बिजली नैन चमकाना – शीतला मइया के तेज अउ शक्ति के चीन्हा आय।

  • नचकारिन छम-छम नाचना – गांव के महतारी-बहिनी मन के भक्ति अउ श्रद्धा के भाव ला दर्शाथे।

  • अंचरा के छईया – मइया के शीतल छांव, जिहां दुख-तकलीफ मिटथे।

  • लईका-सियान सकलाना – परब म घर-परिवार के संग एकठा होके भक्ति करना।

  • चना दार, हरदी, कईचा पान – चढ़ावा म अर्पित होवत मइया के परती श्रद्धा के प्रतीक आय।

  • दयावंतीन तोरे फूले फरे जग वासी – मइया के किरपा ले संसार के सब जीव-जन के भला होथे।

ए गीत मा शीतला मइया के करुणा, लोक संस्कृति अउ आस्था के भाव बड़े गजब ले समाय गे हवय।

📖 गीत पर आधारित कहानी (छत्तीसगढ़ी में) 

छत्तीसगढ़ के अंचल म एक सुघ्घर गांव रहिस – लिमहिनपारा। ए गांव के मनखे हर साल आषाढ़ मास के जुड़वास परब म मां शीतला ला मनाथें। गांव के मंदिर म नीम के झाड़ के छइंहा म मइया के सुंदर मूर्ति रहिस।

जुड़वास के दिन गांव म खूब चहल-पहल रहिस। मेहरारू मन बिहान बिहनिया उठके शीतला दाई के पूजा बर चना दार, हरदी, कईचा पान, फूल, दूबी, नाइका अउ लिम के डारा पाना ल चढ़ाथें।

बच्चा मन ठउर-ठउर नाचत, गावत, गीत गावत – "तोर जुड़वास परब हे पावन" के सुर म मगन रहिथें।

बूढ़ा-बुजुर्ग कहिथें के जे दिन आषाढ़ मास के जुड़वास के पूजा म मइया ला सच्चा मन ले बिसाथे, ओकर दुख-दर्

, रोग-बीमारी मइया हर हर लेथें।

गांव म एगो नंदू कका रहिस, ओकर घर म बरसों से संतान नइ रहिस। हर साल जुड़वास म उंकर घर म गीत गाथे

 गाथे आशीर्वाद म पूछे जाथे – "हे शीतला मइया, लईका देबे तोर किरपा ले।"

ए साल म नंदू कका अउ ओकर घरवाली सुघ्घर ले पूजा करे। गीत म गहिर भाव रहिस –


"धरके चढ़ावा पुरत भर तोर मंदिरवा म आथे, चना दार हरदी कईचा पान फूल दूबी नाईका"

बिच्छू ले पीड़ित बिहरू बाई, जेकर गा म परत घाव बन गे रहिस, मइया के छांव म बइठ के बरस ले नइ होवत पीड़ा

 ले मुक्त होईस। उ कहिथे –


"अंचरा के छईया आ तरी घोंडईया मारत दुःख ल बुरावन"``

गीत म हर भाव म श्रद्धा, प्रकृति के संग समरसता, अउ मइया शीतला के किरपा के भाव झलकथे।

👇ये गीत ल यूट्यूब म जाके सुन सकत हव 👇

भरत जाटव के जम्मो जस गीत के लिंक नीचे 👇दे हावय  

  1. राम राम के बेरा मा 
  2. दाई दयाली ओ 
  3. नजरे नजर म झूल 
  4. कब तै अवतरबे दाई 
  5. बघवा बघवा 
  6. गरजे अउ गुमरे 
  7. नव दुर्गा नव रूप 
  8. दाई के दरश 
  9. डंका तोर