करे सेऊक तोर आरती /कुंजलाल साहू /आरती जस लिरिक्स
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गीत -करे सेऊक तोर आरती
गायक -कुंजलाल साहू
यूट्यूब -कुमार जीतेन्द्र
वेबसाइट-www.cgjaslyrics.com
वेबसाइट ऑनर-के के पंचारे
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मुखड़ा
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
उड़ान -यहो तोला मनावव अर्जी गुज़ारव तोर दुवारी मा जाके -2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
अंतरा -1
यहो पान फूल नरियर लिमुआ ले तोला भेंट चघाये
कंचन थाली म दियना जलाके तोर दुवारी म आये।।
ध्वजा पताका तोर मंदिर म लहर लहर लहराये
बईगा बामन तोर चरण म निसदिन माथ नवाये ।।
उड़ान -यहो अगर कपुर अउ धुप दीप ल तोर दुवारी जलाये -2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
अंतरा -2
यहो सबके बिगड़े तैहा बनइया हावस मोर महतारी
दुःख पीड़ा के तैहा हरइया तोर महिमा हे नियारी ।।
जेहर तोर दुवारी जाये सरधा ले माथ नवाये
पलभर म तै ओखरों दाई दुख पीड़ा हरजाए ।।
उड़ान -यहो दुःख के हरैया सुख के देवैया तोला माथा नवाके-2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
अंतरा -3
यहो कोनो तोला काली कहीथे कोनो कहे बमलाई
कोनो तोला बंजारी कहीथे कोनो कहे समलाई ।।
दुर्गा चंडी माता भवानी नाम अनेको जनाये
गांव गांव म शीतला बनके रहीथस सबके सहाये ।।
उड़ान -यहो विपट परे न साथ निभाये रूप अनेक बनाके-2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
अंतरा -4
यहो जगह जगह म मेला भराथे जाथे सब नर नारी
नव दिन रतिहा तोला मनाथे सुमर सुमर के भवानी।।
कोनो तोरे जोत जलाके अपन मनौती मनाये
जग जवारा बोके दाई भाग अपन सहुराये ।।
उड़ान -यहो मन म खुशी अपार समाये तोर दर्शन ल पाके -2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
अंतरा -5
यहो हम अड़हा अज्ञानी दाई तोर सेवा मे आये
माया शक्ति तोर नई जाने जस महिमा ल गाये।।
हम तोरे लइका दाई हमला झन भुलाबे
अपन मया के अचरा के छैया हमरो बर लमाबे ।।
उड़ान -यहो ये चोला हमरो तर जाहि तोर आशीष ला पाके -2
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
करे सेऊक तोर आरती दीया थारी ला सजाके दीया थारी ला सजाके
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गीत के अर्थ (छत्तीसगढ़ी म)
"करे सेऊक तोर आरती" गीत म माता भवानी के आराधना बर गाना गे हावे । ए गीत म बताय गेहे की मनखे जब अपन श्रद्धा, आस्था अउ भक्ति ले माता के आरती सजाके करथे, त ओखर सबे दुख-दर्द, पीरा, संकट दूर हो जाथे। गीत म पान, फूल, नारियल, दीया, धूप, कपूर अउ ध्वजा-पताका के संग माता के पूजा के महत्व बताय गेहे ।
गीत ये बात ला जताथे के माता अनेक रूप म रहिथे – कोनो ओकर ला काली कहिथे, कोनो बमलाई, कोनो बंजारी, कोनो समलाई। सब रूप म वोइ मनखे के रच्छा करथें, सुख देवथें अउ दुख हरथें।
गीत के महत्व (छत्तीसगढ़ी म)
v
भक्ति अउ श्रद्धा – गीत
मनखे
के
मन
म
माता के प्रती
गाढ़
विश्वास जगाथे।
v
संस्कार अउ संस्कृति – एमा
छत्तीसगढ़िया परंपरा,
पूजा-पाठ, मेला अउ
जोत
जगाय
के
प्रथा
के
झलक
मिलथे।
v
आस्था के बल – माता
के
द्वार
मा
माथ
नवाये
ले
मनखे
के
बिगड़े
काम
बन
जाथे
अउ
दुख-दर्द हर जाथे।
v
एकता अउ मेल-मिलाप – मेला,
पूजा-पाठ अउ नव
दिनिया
नवरात्रि मा
गाँव-गाँव के लोगन
एकत्रित होके
माता
के
सेवा
करथें।
गीत के उद्देश्य (छत्तीसगढ़ी म)
v माता भवानी के महिमा अउ महत्व ला समाज म फैलाना।
v मनखे मन म भक्ति, विश्वास अउ सेवा भावना जगाना।
v
छत्तीसगढ़ के
जसगीत
अउ
भजन
परंपरा
ला
जीवित
रखना।
v
गाँव-गाँव म माता
के
मेला,
जोत
अउ
पूजा
के
महत्व
ला
उजागर
करना।
गायक परिचय (कुंजलाल साहू – छत्तीसगढ़ी म)
कुंजलाल साहू छत्तीसगढ़ के ख्याति प्राप्त जसगीत गायक हवंय। ओमन माता जस, भजन अउ परंपरागत छत्तीसगढ़ी गीत गाके लोगन के मन म भक्ति अउ आस्था के भावना जगाथें। कुंजलाल साहू के गायकी म छत्तीसगढ़ के माटी के सुगंध, अपनत्व अउ संस्कृति के गहिराई झलकथे।
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