धरम के बात /राम दयाल जायसवाल /पचरा जस गीत
धरम के बात / राम दयाल जायसवाल / पचरा जस गीत
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गीत -धरम के बात
गायक -राम दयाल जायसवाल
Youtube -Mor Bodla
भाषा -छत्तीसगढ़ी
शैली -पचरा जस गीत
वेबसाईट ऑनर - के के पंचारे
वेबसाईट - www.cgjaslyrics.com
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मुखड़ा
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
उड़ान - ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर-2
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
अंतरा -1
डगमग डगमग धरती डोलत हे हो हो ओ --हो
कलयुग में पाप समाये हो माया मोर
कलयुग में पाप समाये हो मा
ये बिगड़ी के कारज ल बनाई मोरे माया हो-ओ -हो
काया के का हे ठिकाना हो माया मोर
काया के का हे ठिकाना हो मा
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
उड़ान - ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर-2
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
अंतरा -2
चंदा ल सोहे चंदेनी मोरे माया हो हो ओ --हो
दीया ल सोहे हे बाती हो माया मोर
दीया ल सोहे हे बाती हो मा
ये माता ल सोहे मोरे माथे के मुकुटिया हो-ओ -हो
चईत कुंवार नवराति हो माया मोर चईत कुंवार नवराति हो मा
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
उड़ान - ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर-2
धरम के बात बता देते मोर माता
ध्यान लगाके बइठे हावव मै देहरी में तोर
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गीत के अर्थ छत्तीसगढ़ी भाषा में
मुखड़ा
मइया, मोला धरम के सही बात बतावव।
मैं तोर देहरी मं ध्यान लगाके बैठे हंव,
तोर दर्शन पा के मोर मन में शांति आथे।
अंतरा – 1 का अर्थ
कलयुग के समय मं पाप के राज हो गेहे।
धरती डगमग डोलत हे, लोगन मन मोह-माया म फंसे हें।
मइया, बिगड़े काम ल बनाय दे,
काबर काया (शरीर) के ठिकाना नई हे।
धरम के राहेच मोर जीवन सही दिशा पा सकथे।
अंतरा – 2 का अर्थ
मइया, तोर सुंदरता चंदा अउ चंदेनी जइसे चमकत हे।
तोर आरती के दीया अउ बाती,
तोर माथे के मुकुट, सब्बो तोला शोभा देथे।
चैत्र अउ कुंवार के नवराति म
तोर भक्ति के माहौल म मोर आत्मा धन्य हो जाथे।
गीत के महत्व (छत्तीसगढ़ी
मं)
ये जसगीत
मा
माता
के
महिमा
गाये
गे
हवय.
गायक
मन
माता
ल
धरम
के
उपदेश
देयइया,
सच्चा
रास्ता
बतायइया के
रूप
मं
गावत
हें.
- धरम अउ आस्था के महत्व – गीत मा गा गे हवय के कलयुग मं पाप बढ़ गे हवय, लोभ, मोह अउ माया मनखे के जीवन ल
डगमगा देथंय. ऐसे बखत मा माता धरम के बात समझाके मनखे ल
सही राह दिखाथें.
- काया के अस्थिरता – गीत मा कहे गे हवय के “काया के का हे ठिकाना”, मतलब ये शरीर त
एक दिन नाश हो जाही, फेर धरम अउ भक्ति के कमई सदा बने रहिथे.
- माता के रूप-सौंदर्य – गीत के दूसर हिस्सा मं माता के सौंदर्य ल
बताय गे हवय. चंदा जइसने चमक, दीया-बाती जइसने उजियार, अउ माथे मं मुकुट ले माता जगमगाथें.
- नवरात्रि के महत्व – चैत अउ कुँवार के नवरात्रि के बखत खास करके माता के पूजा अउ भक्ति करे जाथे. ये बखत मं माता घर-घर मं बिराजथें अउ भक्त मन ल अपन आशीर्वाद देथें.
🎙 गायक परिचय – राम दयाल जायसवाल
राम दयाल जायसवाल छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पुराना जस गायक हें,
जेकर गायकी मं भक्ति, संस्कार अउ लोक संस्कृति के गजब के मेल देखे ला मिलथे।
ये मन अपन मधुर स्वर अउ भावपूर्ण प्रस्तुतिकरण से
छत्तीसगढ़ी श्रोतामन के मन म अलग पहचान बनाय हें।
माता रानी के जस गीत लिरिक्स के लिंक निचे हावे
- संझा बिहनिया -डेविड निराला
- लहराए जंवारा -पंचू यादव
- तीनो जग म -मनहरण साहू
- महू आयेव तोर दुआर -पूरन साहू
- पैजनिया बाजे -सुखऊ राम केंवट
- सेवा ल तोर गाहु -पचरा
- हरियर मड़वा गड़ाए -पचरा
- करलव सेवा गा -डेविड निराला
- मोर आँखि के पुतरी -धर्मेंद्र सुफल भगत
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