google.com, pub-9963298576600993, DIRECT, f08c47fec0942fa0 तुम झुलव महामाई -पचरा जस गीत-

तुम झुलव महामाई -पचरा जस गीत-

 






   ✅ गीत - तुम झुलव महामाई 

                    ✅ गीत लेबल -  पचरा  जस गीत  

                ✅ पोस्ट प्रोडक्शन - कैलाश पंचारे 


                  LYRICS-TUM JHULAV MAHAMAI

                     LYRICS LEBAL-PACHRA JAS GEET

                   POST PRODUCTION_KAILASH PANCHARE


                       


  

 




तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

(१ )

जब काहेन के तोर झूलना बने हे , काहेन लागय डोरा -

जब काहेन के तोर झूलना बने हे , काहेन लागय डोरा -

उड़ान - जब काहेन में  तोर झूलना सजे  हे

लिमुआ के डारा म हां

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

(२)

जब अमुआ काठ  के  झूलना बने हे , रेशम  लागय डोरा -

जब अमुआ काठ  के  झूलना बने हे , रेशम  लागय डोरा -

उड़ान - जब हीरा मोती में  झूलना सजे  हे

लिमुआ के डारा म हां   

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां - 

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

(३ )

जब कौन बनावे तोर झूलना ओ माता , कौन बनावे तोर डोरा -

जब कौन बनावे तोर झूलना ओ माता , कौन बनावे तोर डोरा -

उड़ान - जब कौन सजावे  तोर झूलना ओ माता 

लिमुआ के डारा म हां

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

(४ )

जब बढई  बनावे तोर झूलना ओ माता , पटवा  बनावे तोर डोरा -

जब बढई  बनावे तोर झूलना ओ माता , पटवा  बनावे तोर डोरा -

उड़ान - जब सोनार सजावे  तोर झूलना ओ माता 

लिमुआ के डारा म हां

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -

 तुम झुलव महामाई लिमुआ के डारा म हां -




माँ दुर्गा झूलना कब झूलती है 



माँ दुर्गा का झूलना, या झूलना महोत्सव, हिंदू धर्म में विशेष

 रूप से नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है। नवरात्रि, जो दुर्गा

 पूजा का अवसर होता है, एक अहम धार्मिक उत्सव है

 जिसमें देवी दुर्गा की पूजा और आराधना की जाती है। इस

 अवसर पर, झूलना भगवान शिव और पार्वती के अवतार

 माँ दुर्गा के भक्तों द्वारा किया जाता है। यह परंपरा विभिन्न

 भागों में विभिन्न तिथियों पर मनाई जा सकती है, लेकिन

 अधिकांश भक्त इसे नवरात्रि के आधे में या दशहरे के

 आसपास करते हैं। इस अवसर पर, माँ दुर्गा के मंदिरों में

 भक्तों द्वारा देवी को झूला दिया जाता है, जिसमें उन्हें संगीत,

 नृत्य, और भजनों के माध्यम से आराधित किया जाता है।



माँ दुर्गा की झूलना कौन बनाता  है 



माँ दुर्गा की झूलना या झूलने का आयोजन मुख्य रूप से

 मंदिरों और धार्मिक संगठनों द्वारा किया जाता है। इस

 उत्सव में, भक्त देवी दुर्गा के मंदिरों में समूहिक रूप से आते

 हैं और भगवान शिव और पार्वती के अवतार में माँ दुर्गा को

 झूला देते हैं। झूलना बनाने और सजाने में भक्त और

 स्थानीय समुदाय का सहयोग होता है। झूलना बनाने के

 लिए अलग-अलग क्षेत्रों में रंगीन पारंपरिक डिज़ाइन और

 सामग्री का उपयोग किया जाता है, जैसे कि फूल, पत्तियाँ,

 लहराते फाब्रिक, झूले, और झूले के आकार के उत्तेजक

 वस्त्र। झूलना बनाने में कई बार स्थानीय कलाकारों और

 शिल्पकारों का योगदान भी होता है।


माँ का दरबार किस किस से सजाया जाता है 


माँ दुर्गा का दरबार सजाने में कई प्रकार के सामग्री और अभूषण का उपयोग किया जाता है। निम्नलिखित में से कुछ मुख्य तत्व हैं:

  1. श्रृंगारिक अभूषण: माँ दुर्गा को साजाने के लिए आभूषण जैसे कि मुकुट, हार, कंठहार, चूड़ी, कंगन आदि का प्रयोग किया जाता है। इन आभूषणों का उपयोग माँ दुर्गा के सामने भक्तों के आदर्श स्वरूप के रूप में किया जाता है।

  2. वस्त्र: माँ दुर्गा के दरबार को सजाने के लिए विविध प्रकार के वस्त्र उपयोग किए जाते हैं। इन वस्त्रों में साधारणत: सिल्क, ब्रोकेड, वेलवेट, और शान का प्रयोग होता है।

  3. फूलों का अर्चन: माँ दुर्गा के दरबार में फूलों का प्रयोग किया जाता है, जो उसके आस-पास की सजावट को बढ़ाते हैं और माँ के दर्शन को सुंदर बनाते हैं।

  4. झूलना और साज सज्जा: दरबार में माँ दुर्गा के लिए झूला और साज सज्जा की जाती है, जो उसके गौरव को और बढ़ाते हैं।

  5. धूप और धुनी: दरबार में धूप और धुनी का प्रयोग किया जाता है, जो माँ दुर्गा को समर्पित किया जाता है और उसके चरणों में आत्मसमर्पण का भाव जताता है।






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