GHANGHOR MACHAYE
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गीत -घनघोर मचाये
गायक -युकेश देवांगन
वेबसाइट -www.cgjaslyrics.com
वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे
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घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
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घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब रण में कंकालिन घनघोर मचाये हाथ धरे तलवारे
रण में कंकालिन घनघोर मचाये हाथ धरे तलवारे
बिजली जब अस तोर खड़ा चमके फुटन लगे फुहारे
खप्पर धर के प्यास बुझाये बाजा विजय बजाये
उड़ान -जब जीभ निकाले लट छरियाये रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब जीभ निकाले लट छरियाये दानव मार गिराये
जीभ निकाले लट छरियाये दानव मार गिराये
खनर खनर तोर चुड़िया बाजे रुमझुम पइरी सुनाये
जब सेमर फूल कस अखिया भवानी जइसे रस चुचवाये
उड़ान -जब घनीर झिटके धरे भवानी रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब घनीर झिटके धरे भवानी मॉस करे महामाई
देव दुलरवा रण में उमगे प्रलय हववय मचाये
उड़ान -जब लाल लागुरवा हाक परत हे रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब लाल लागुरवा हाक परत हे गोरइया गोहरावे
लाल लागुरवा हाक परत हे गोरइया गोहरावे
वेद के छोटा धरे बरम देव नाचत कुदत आवे
जब देवता दानव धर धर कापे गीरत हपतत भागे
उड़ान -जब झटपट जोश भरे महमाई रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब झटपट जोश भरे महमाई मारे लाल भवर के
झटपट जोश भरे महमाई मारे लाल भवर के
नदी नरवा लोथा बहिगे नरवा बहे लहू के
जब कटर कटर कंकालिन कटरे काटे नरी ल धरके
उड़ान -जब रक्तबीज महिसासुर मारे रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
जब रक्तबीज महिसासुर मारे देवी अग्नि दही के
रक्तबीज महिसासुर मारे देवी अग्नि दही के
चिहुर पार के धरती कापे अम्बे कलिका कहिके
जब होम करावत ऋषि मुनि सब मंगल चहुँ ऋषि के
उड़ान -जब दास विलास चरण में लेटे रण में कंकालिन येहो
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां
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आल पचरा गीत
देखे बर ये लिंक मन म क्लीक करव 👎
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छत्तीसगढ़ मं देवी पूजा के समय जसगीत गाये जाथे, जेमा भक्ति, शक्ति अऊ लोकसंस्कृति के गजब संगम दिखथे। एही मं एक जबरदस्त अऊ प्रसिद्ध गीत आय – "घनघोर मचाये रन में कंकालिन हां"। ए गीत मं कंकालिन माता के उग्र अऊ रणभूमि मं संहारक रूप के बखान करे गे हे संगवारी हो । ए जसगीत छत्तीसगढ़ के गांव-गांव मं देवी विसर्जन, नवरात्रि, डंडा नाच अऊ मेला मं गाये जाथे। अउ ये गीत म देवता घलो अड़बड़ चढ़ते।
कंकालिन माता के स्वरूप
कंकालिन माता शक्ति के एक भयंकर रूप आय, जेन असुरन के विनाश करथे। ए गीत मं बताय गे हे के जइसे माता रणभूमि मं उतरथे, त घनघोर संग्राम युद्ध हो जाथे। डमरू बजथे, असुर घबरा जाथें अऊ उंकर सेना तबाह हो जाथे।
गीत के भाव अऊ लोक परंपरा
ए जसगीत मं गायक भावुक स्वर मं माता ला पुकारथे। जस मं बजा, मंजीरा, ढोलक, डंडा के ताल मं भक्तजन झूम उठथे। गीत मं माता के शक्ति, गुस्सा अऊ उंकर रक्षा रूप के खूब सुंदर ढंग से वर्णन करे गे हे।
काली माई के कहानी छत्तीसगढ़ी बोली भाखा मा
ली माई के विशेष पूजा, खासकर नवाखाई, दशहरा अउ अमावस्या मं करथें।
प्रसिद्ध कालिका मंत्र जा रहे हैं, जिन्हें साधना, जप या पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है:
1. बीज मंत्र
ॐ क्रीं कालिकायै नमः
👉 यह सबसे सरल और प्रभावशाली कालिका बीज मंत्र है। इसे ध्यान, जप और साधना में रोज़ 108 बार जप सकते हैं।
2. महामंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
👉 यह देवी चामुंडा का शक्तिशाली महामंत्र है।
3. काली गायत्री मंत्र
ॐ कालिकायै विद्महे स्मशनवासिन्यै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्
👉 यह मंत्र देवी काली की कृपा और मार्गदर्शन पाने के लिए जपते हैं।
4. दशमहाविद्या काली मंत्र
ॐ क्रीं काल्यै नमः
👉 दस महाविद्याओं में सबसे पहली देवी काली हैं। यह छोटा पर अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है।
👉 जप विधि
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प्रातः या मध्य रात्रि में शुद्ध होकर करें।
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काले आसन पर बैठें और रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें।
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108 बार जप करने का प्रयास करें।
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मंत्र जप के बाद काली चालीसा या स्तुति पढ़ना फलदायी होता है।
प्रेम से बोलाव काली माता की जय
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