जस गीत लिरिक्स - जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा पारम्परिक माता सेवा गीत ब्लॉगर -कैलाश पंचारे
जस गीत लिरिक्स - जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा
पारम्परिक माता सेवा गीत
ब्लॉगर -कैलाश पंचारे
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जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा
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(१ ) जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा कवरू नगर झन जाबे
दाई तोर अरजे ददा तोर बरजे कवरू नगर झन जाबे-२
उड़ान -" जब कवरू नगर के अटपट विद्या मारे मंतर बनावे बईला
बईला बनाई के वो तोला नागर जोताही बईला बनाई के
वो तोला नागर जोताही बईला बनाई के वो
(२ ) जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा कवरू नगर झन जाबे
दाई तोर अरजे ददा तोर बरजे कवरू नगर झन जाबे-२
उड़ान -" जब कवरू नगर के अटपट विद्या मारे मंतर बनावे बेंदरा
बेंदरा बनाई के ओ तोला गली म नचाहि बेंदरा बनाई के वो
तोला गली म नचाहि बेंदरा बनाई के वो
(३ ) जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा कवरू नगर झन जाबे
दाई तोर अरजे ददा तोर बरजे कवरू नगर झन जाबे-२
उड़ान -" जब कवरू नगर के अटपट विद्या मारे मंतर बनावे तोता
तोता बनाई के वो तोला पिंजरा म राखय तोला बनाई के वो
तोला पिंजरा म राखय तोला बनाई के वो
(४ ) जब कवरू नगर झन जाबे रे दुलरवा कवरू नगर झन जाबे
दाई तोर अरजे ददा तोर बरजे कवरू नगर झन जाबे-२
उड़ान -" जब कवरू नगर के अटपट विद्या मारे मंतर बनावे बोकरा
बोकरा बनाई के वो तोला बलि म चघाही बोकरा बनाई के वो
तोला बलि म चघाही बोकरा बनाई के वो
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