🙏🙏🙏गीत -दाई ल मनाई लेतेन हो / bloger -कैलाश पंचारे/पारम्परिक माता सेवा गीत 🙏🙏🙏

 







गीत -दाई  ल मनाई लेतेन  हो 

bloger -कैलाश पंचारे 

🙏🙏🙏पारम्परिक  माता सेवा गीत🙏🙏🙏 

दाई ल मनाई लेतेन  हो ,मोर दुर्गा दाई  के सेवा ल बजाइन लेतेन  हा -2 

(1) पहली सेऊक  तोर  अहीरिन दाई ,भर भर गोरस लाये -2 

उड़ान -" जब दुर्गा दाई  के चरण ल सुघ्घर पखारी लेतेंव हो  "

मोर दुर्गा दाई  के सेवा ल बजाइन लेतेन  हा -2 

(2 ) दूसर सेऊक तोर  मालीन   दाई , चुन चुन हार बनाये -2 

उड़ान -" जब दुर्गा दाई बर पचरंग हारे सुघ्घर पहिराई  लेतेंव हो  "

मोर दुर्गा दाई  के सेवा ल बजाइन लेतेन  हा -2 

(3 ) तीसरा सेऊक  तोर विशकर्मा  दाई ,खड़ा अनेक बनाये -2 

उड़ान -" जब  दाई दुर्गा के  हाथ म सुघ्घर तिरसुल धराई  लेतेंव हो  "

मोर दुर्गा दाई  के सेवा ल बजाइन लेतेन हो  -2 

(4 )चौथा सेऊक तोर कुम्हार दाई ,घेला अनेक बनाये _२ 

उड़ान -" जब  दाई दुर्गा  हाथ म सुघ्घर खप्पर धराई लेतेंव  हो  "

(५ ) पाँचवा  सेऊक  तोर लँगूरे  ओ  दाई , ध्वजा  फहराए -२ 

उड़ान -" जब हाथ हाथ ध्वजा लेके दाई नामे  ल जगाई  लेतेंव  हो  "

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