MAYA KE BHUVAN PAR-माया के भुवन पर नारद वीना बजाए

 





माया के भुवन पर नारद वीना बजाए

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माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


 नारद वीणा बजाये हो 


 माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


(१ )


                        गज अउ मगर लड़य जल भीतर लड़त लड़त गज हारे 

  

             गज अउ मगर लड़य जल भीतर लड़त लड़त गज हारे 


उड़ान-ओतके बेर  सुने रघुनंदन ,


 पैदल पांव पधारे हो


माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


(2)


यमुना के तीर मा कदम के वृक्षा वही पर धेनू चराए

 

यमुना के तीर मा कदम के वृक्षा वही पर धेनू चराए 


उड़ान-केसर तिलक लगे रघुनंदन ,


मुख पर मुरली बजाए हो


माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


(3)


सबरी के बेर सुदामा के ताबूर रुच मुच भोग लगाए 


सबरी के बेर सुदामा के ताबूर रुच मुच भोग लगाए 


उड़ान-दुर्योधन के मेवा त्यागे 


साग विधुर घर खाएं हो


माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


(4)


साधु के भेष ला धरे निशाचर दे भीक्षा मोला माई 


साधु के भेष ला धरे निशाचर दे भीक्षा मोला माई 


उड़ान-भीक्षा देबर निकले जानकी 


दे रथ पे पैठाए हो


माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 


माया के---माया के भुवन पर नारद वीणा बजाये 








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