Kaha Mer Rahe ho Maiya// काहा मेर रहे हों मईया

कहा मेर रहे हों मईया cg jas lyrics. image 
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गीत_कहा मेर रहे हों मईया
गायक_राजिम केेंवट 
म्यूजिक कंपनी _गौतम केेंवट
वेबसाइट _cgjaslyrics 
वेबसाईट ऑनर _कैलाश पंचारे
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कहा मेर रहे हों मईया

अंतरा -1 


 कहा मेर रहे हों मईया मोगरी मछुरीरा ओ


कहा मेर रहे  दूध नाग हो


कहा मेर रहे दूध नाग हो 


डबरी मा रहे  मईया मोगरी मछूरिया हो


बिलवा मा रहे दूध नाग हो


बिलवा मा रहे दूध नाग हो

अंतरा -2 

का चारा चरे हो मईया मोगरी मछूरिया हो


का चारा चारे दूध नाग हो


का चारा चरे हो मईया मोगरी मछूरिया हो


का चारा चारे  दूध नाग हो


कोदई कुटकी चरे हो मईया मोगरी मछूरिया हो


गईया रस पिए हो दूध नाग हो


अंतरा - 3 


कोन गली में रेगे हो मईया मोगरी मछूरिया हो


कोन गली में रेगे दूध नाग हो


राजा गली में रेगे हो मईया मोगरी मछूरिया हो


रानी गली में रेगे दूध नाग हो


  ये गाना पचरा जस गीत हरे जेला गाय हव्वय राजिम केंवट हा गाना म मोंगरी मछली अउ दूध नाग के बारे में बताय गेहे संगवारी हो गाना ल माता के नवरात्रि म बजाय जाथे अउ ये गाना ल लोगन मन हा काफी पसंद करथे  

कहानी: कहा मेर रहे हो मईया 

छत्तीसगढ़ के एक पवित्तर गांव "बिलवापारा" म बहुत पुराना कहिनी चलत रहिस। ए गांव म हर साल फागुन के महीना म "दूध नाग" अउ "मोगरी मछूरि" के नाम ले देवी माई के गीत गाये जाथे। ए गीत म एक भक्त आत्मा म भरे तड़प अउ श्रद्धा ल व्यक्त करे गे हे।


🌸 अंतरा 1 – "कहा मेर रहे हो मईया"

"कहा मेर रहे हो मईया, मोगरी मछूरिया हो
कहा मेर रहे दूध नाग हो
डबरी म रहय मईया..."

भक्तिन "मोगरी मछूरिया" रोज गली-गली म घूम के देवी माई ल पुकारथे। ओ ह पूछथे – "दाई, तैं कइंहा हस? डबरी म? बिलवा के झाड़ी म?"

ओकर मया अउ गोहर ह हर जंगल, नदी, डबरी म गूंजथे। लोग मन कहिथें – बिलवा के झाड़ी म एक नाथ ह दूध नाग बनके पहरा देथें। वही ह देवी के रहन बसेरा आय।


🌾 अंतरा 2 – "का चारा चरे हो मईया"

"का चारा चरे हो मईया
कोदई कुटकी चरे हो..."

एमा मोगरी मछूरिया ह पूछथे – "दाई का चारा चरे हस? तैं गइया कस कोदई कुटकी खाथस? तैं हरे-भरे खेत म रमथस?"
दूध नाग जवाब देथे – "हव, हम खांथे कोदई कुटकी, पीथे गइया के रस, मइया संग चरथन हम।"

ए गीत म देवी के प्राकृतिक रूप, गौपालन संस्कृति, अउ ग्रामीण जीवन शैली के सुंदर चित्रण करे गे हे।


👑 अंतरा 3 – "कोन गली में रेगे हो मईया"

"कोन गली में रेगे हो मईया
राजा गली में रेगे..."

अब मोगरी मछूरिया के मन म सवाल हे – "मइया कोन गली म रहिथस?"
दूध नाग बताथे – "दाई राजा के गली म रहिथे, रानी के महल म जाथे।"
अर्थात्, मइया हर स्थान म हे – राजा हो चाहे रंक, हर जीव म मइया के वास हे।


🌟 भावार्थ – भक्ति अउ खोज के प्रतीक

ये गीत म मोगरी मछूरिया के सवाल ह भक्ति के खोज के प्रतीक आय। "कहा मेर रहे हो मईया" कहिके उहां मनखे मन अपन आत्मा के भीतर म बसे देवता ल खोजथे। दूध नाग के उत्तर – प्रकृति, जल, अन्न अउ मानवता म देवी के उपस्थिति ल दर्शाथे।


🙏 लोककथा अनुसार 

पुरखों के कहिनी म एक जनश्रुति हे के – मोगरी मछूरि एक ब्रह्मचारी भक्तिन रहिस, जे देवी ल खोजत-खोजत जंगल म चल दिस। उहां ओकर भेंट होथे दूध नाग ले – जे देवी के सेवक रहिस। दूध नाग ह मोगरी ल देवी के डबरी, बिलवा, अउ खेत-खरिहान म दर्शन कराथे।


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