तोर आरती उतारे //दुकालू यादव//आरती जस लिरिक्स

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तोर आरती उतारे/जस गीत

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गीत-तोर आरती उतारे 

गायक-दुकालू यादव

गीतकार-दुकालू यादव

यूट्यूब -sanvi sangit sargam 

वेबसाइट-www.cgjaslyrics.con

वेबसाईट ऑनर-के के पंचारे 

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मुखड़ा

तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां -2

उड़ान-ये हो पांच भगत मिलके हां-2

तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां -2

अंतरा -1

अगर कपूर कंचन थारी मा दिया बाती जलाये 

हरियर दुबी छेना आगी म गुगुर धूप गुगवाये 

उड़ान-हे मईया हार बनाये गुथ के हां...आ ..हां

तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां -2

अंतरा -2

शंख घंटी अऊ मृदंग बाजे नर नारी सकलाये 

हाथ जोड़ के करे सुमरनी आरती मंगल गाये 

उड़ान-हे मईया मन मन म तोला सुमरे हां...आ ..हां

तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां -2

अंतरा -3

तोर आरती सबला तारे भव सगुरी नहक़ाथे 

ज़ेहर पाथे तोर आरती ओ मनखे फल पाथे 

उड़ान-हे मईया कोसरिया तोला भजके हां...आ ..हां

तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां -2

गीत – तोर आरती उतारे पांच भगत मिलके हां

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गीत के अर्थ 

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हे मईया! तोर आरती पाँचो भगत मिलके करथें, सबो झन मिलके भक्ति करत हवंय।


अंतरा – 1

कपूर अऊ कंचन थारी मा दिया-बाती जलाथें।

दूब-छेना धरके, गुग्गुल धूप जराथें।

👉 मतलब – मईया बर भक्त मन अपन-अपन भेंट अऊ पूजा सामग्री ले आरती करत हवंय।

अंतरा – 2

शंख-घंटी, मृदंग बाजथे।

नर-नारी सबो मिलके गावत-नाचथें।

👉 मतलब – मईया के पूजा मा सबो झन हाथ जोड़के भक्ति गीत गाथें।

अंतरा – 3

मईया के आरती करइया ला भव-सागर ले पार कराथे।

जेन मन दुख-दर्द मं रहिथे, ओ मन मईया के कृपा ले सुख-फल पाथें


महत्व (छत्तीसगढ़ी मा)

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ये गीत मईया दुर्गा के भक्ति मं गाय जाथे।


पाँचो भगत मिलके पूजा करथें मतलब – सबो संगठित होके भक्ति करे के संदेश देथे।

गीत मं पूजा के सबो सामग्री (कपूर, दूब, छेना, धूप, घंटी) के महत्व बताय गे हवय।

आरती गाये ले मनखे ला आत्मिक शांति, सुख अऊ दुख-तकलीफ ले छुटकारा मिलथे।


गायक परिचय (Dukalu Yadav Biography )
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दुकालू यादव छत्तीसगढ़ के जाने-माने जसगीत गायक अऊ गीतकार हवंय।
इनकर आवाज भक्ति गीत मं अलग रंग भर देथे।
गांव-गांव, जस कार्यक्रम अऊ देवी-भजन के मंच ला इहाँ अपन भावपूर्ण जस गीत ले सजाथें।
इनकर गीत मन मं छत्तीसगढ़ी संस्कृति, भक्ति अऊ मातृत्व के गजब मिश्रण देखे ला मिलथे।

मातारानी के आरती जस गीत के लिंक दे हावे 


1. सांझा बिहानियां हो-डेविड निराला

2.करे सेऊक मन आरती -mamta deshmukh

3. तोर आरती उतारन-ममता देशमुख




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