छत्तीसगढ़ी जस गीत - करलव सेवा गा /डेविड निराला

🌿 छत्तीसगढ़ी जस गीत - करलव सेवा गा /डेविड निराला 

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 गीत -करलव सेवा गा

 गायक -डेविड निराला

 गीतकार -डेविड निराला

 म्यूजिक कंपनी -Mandal Music cg

 वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे

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 मुखड़ा

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ

 करलव करलव करलव सेवा गा हो --ओ 

 उड़ान - दाई ददा के --ये ,ये शीतला माई के --ये

 दाई ददा के शीतला माई के

 तन हे माटी के लेवा गा -आ

 तन हे माटी के लेवा गा हो--ओ

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ 

 करलव करलव करलव सेवा गा हो --ओ

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ

 करलव करलव करलव सेवा गा

 अंतरा -1 

 का करनी का करम के बल ये मिले मानुस के चोला 

 दाई हे देवी ददा हे देवता झन भुलाबे तै ओला 

 उड़ान -मान बड़ाई --ई ई करले भाई--ई 

 मान बड़ाई करले भाई 

 पाबे तहि मिश्री अउ मेवा गा

 पाबे तहि मिश्री अउ मेवा गा हो -ओ 

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ

 करलव करलव करलव सेवा गा 

 अंतरा -2 

 जनम धरे जब ये धरती में दाई के ओद्रा ले आये

 नव महीना तोला कोख भीतर में गठरी सही गठियाये

 उड़ान - हे कर्जा दाई के--ये तोर जननी माई के--ये 

 हे कर्जा दाई के र जननी माई के

 जानले तै पीड़ा के जनेवा गा --आ 

 जानले तै पीड़ा के जनेवा गा हो- ओ 

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ 

 करलव करलव करलव सेवा गा 

 अंतरा -3 

 कोन जीनिस में दाई ददा तोर का का करम कमाये

 पुरखा मन के करम गति ल अब तै धरके आये

 उड़ान - का गुनी जनि के--ये का संत मुनि के--ये 

 का गुनी जनि के का संत मुनि के 

 लागे हे लगन लगेवा गा --आ 

 लागे हे लगन लगेवा गा हो- ओ 

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ 

 करलव करलव करलव सेवा गा

 अंतरा-4

 जनम देवईया दाई ददा के तैहर कर्जा छुटाबे

 का जिनिस में तोला दाई आशीष तै बरसाबे

 उड़ान - करबे सेवा--आ मिलही मेवा--आ

 करबे सेवा मिलही मेवा 

 नवा हे निराला मतेवा गा --आ नवा हे

 निराला मतेवा गा हो- ओ 

 करलव करलव करलव सेवा गा --आ 

 करलव करलव करलव सेवा गा

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गीत के अर्थ (Arth)

ये  गीत म गायक डेविड निराला जी हां मनखे ला सेवा अउ भक्ति के मार्ग दिखाथें।

  • मुखड़ा – “करलव सेवा गा” – माने गेहे कि जिनगी के सबसे बड़े काम म एक सेवा आय। सेवा दाई-ददा के, देवी-देवता के, अउ समाज के।

  • अंतरा 1 – मानुस जनम बहुते कठिन ले मिलथे, ता येला व्यर्थ नई गवाना चाही। दाई-ददा अउ  देवता ला कभू भुलाना नई चाही।

  • अंतरा 2 – मया दाई के कोख के बड़ भारी उपकार हवय। जन्म के बेरा दाई हा बड़ पीड़ा 

  • सहिथे , तेकर कर्जा चुकाना सेवा के माध्यम ले हो सकथे।

  • अंतरा 3 – पुरखा मन के संस्कार, करम अउ भक्ति अब हमन के जिम्मा हवय। संत अउ मुनि के जइसने जीवन बिताना चाही।

  • अंतरा 4 – जेन मनखे मन सेवा करही, ओमन ला दाई-ददा के आशीष, फल, मेवा मिलही।

निष्कर्ष – सेवा, भक्ति अउ संस्कार ह जीवन के सबसे बड़ अमानत खजाना आय।


🌸 गीत के महत्व (Mahattva)

  • ये गीत छत्तीसगढ़ी संस्कृति अउ जस परंपरा के चिन्हारी आय।

  • “शीतला माई” के पूजा अउ सेवा ला गीत म प्रमुख रूप ले रखे गे हवय।

  • गीत मनखे ला अपन दाई-ददा, देवी-देवता अउ पुरखा मन के याद कराके सेवा अउ सम्मान के सीख देथे।

  • छत्तीसगढ़ी समाज म ए प्रकार के जस गीत गाँव-गांव  म गाये जाथे, जेकर ले लोगन के बीच श्रद्धा अउ एकता बने रहिथे।


🎤 गायक परिचय (Gayak Parichay)

डेविड निराला छत्तीसगढ़ी संगीत जगत के जानमाने कलाकार जसगीत ,होली गीत के हावे। 

  • ओ मनके मधुर आवाज म जसगीत, भक्ति गीत अउ लोक गीत अउ होली गीत सुने ला मिलथे।

  • “करलव सेवा गा” जइसने गीत गाके डेविड निराला छत्तीसगढ़ी संस्कृति ला नया पहचान देवत हवंय।

  • ओमन Mandal Music CG मं अपन गीत ला रिलीज करथें, जे आज समाज मं नई पीढ़ी तक भक्ति अउ संस्कृति ला पहुँचा देत हवय।


🌿 सेवा के महत्व – छत्तीसगढ़ी कथा

एक बखत के गप आय। छत्तीसगढ़ के एक गांव मं रामसाय नाव के लइका रहिस। गरीब परिवार ले रहिस, फेर मन ओकर बड़ा सीधा-सादा रहिस।
ओकर दाई-ददा बुढ़वा होगे रहिन। त रामसाय दिन-रात ओकर मन के सेवा करथे।

गांव के कुछ लोग ओकर मजाक उड़ावत रहिन –
“अरे देखव! जवान लइका होके अपन जिनगी बुढ़वा मन के सेवा मं गवा देथस।”

फेर रामसाय कभू मन नइ दुखाथे। ओकर मन मं येच रहय –
“दाई-ददा भगवान जइसने हवंय, सेवा करहूं त मोर जिनगी सफल होही।”

रोज़ ओ शीतला माई के मंदिर जाथे अउ पराथना करथे –
“हे माई! मोर सेवा ला सफल बनावव। मोर दाई-ददा के सुख-दुख मं मया बरसावव।”

🌸 एक दिन गांव मं बीमारी फैल गे। घर-घर मं दुख-दर्द आ गे।
फेर गजब बात ये होइस कि जेन मन सेवा अउ भक्ति करत रहिन, ओ मन के घर ला शीतला माई बचाय रखिन।

गांव वाले देखिन के रामसाय के घर मं कुछु दिक्कत नइ आय। ओकर बूढ़ा दाई-ददा भी तंदुरुस्त रहिन।
तेमन रामसाय ले पूछिन –
“अरे भाई, तोर घर महामारी ले बचे कैसे?”

रामसाय हँसके कहिस –
“माई के सेवा, दाई-ददा के आशीष अउ पुरखा मन के सम्मान ह मोर घर ला बचाय हवय।”

तेकर पाछू ले पूरा गांव जाग गिस। सबो लोग अपन दाई-ददा के मान करे लगिन, मंदिर मं माई के जस गाना लगे।

👉 धीरे-धीरे गांव के माहौल बदल गे। दुख-दर्द टल गे अउ सुख-शांति पसार गे।


🌼 सीख: 

जेन मन अपन दाई-ददा अउ देवता के सेवा करथे, ओ मन के घर-परिवार ला हमेशा सुख-शांति मिलथे।


✅ निष्कर्ष

डेविड निराला के “करलव सेवा गा” सिरिफ जस गीत नई, बल्कि सेवा अउ भक्ति के संदेश देवे वाला प्रेरक गीत आय। छत्तीसगढ़ी संस्कृति मं ए गीत अपन अलग पहचान बनाय हवय, जेला सुनके हर मनखे सेवा अउ संस्कार के महत्व ला समझ सकथे।


🎤 क्रेडिट : ये गीत डेविड निराला जी के गाये हवंय। गीत के बोल अउ संगीत Mandal Music CG के हवय। हमर वेबसाइट मं ये गीत के सिरिफ मतलब, कहानी अउ जानकारी साझा करे जावत हवय। पूरा श्रेय (Credit) गायक, गीतकार अउ म्यूजिक कंपनी ला जाथे।

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