येहो पहाड़ा वाली | ममता देशमुख | छत्तीसगढ़ी देवी गीत

═══════

गीत -येहो पहाड़ा वाली 

गायिका -ममता देशमुख 

गीतकार -

म्यूजिक कंपनी -ji seris 

वेबसाइट -www.cgjaslyrics.com 

वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे 

═══════

मुखड़ा 

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2 

ड़ान-कतको नाव तोर अउ कतको रूप हे 

 का तोरे जस ल गावव मै गावव मईया 

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2  

अंतरा -1 

शीतला चंडी बूढ़ी माई रूप धरे बम्लाई 

अंगे अगे म तैहा बिराजे आदि शक्ति महमाई 

तै करहिन बस्तरहीन दाई सम्बलपुर समलाई 

खैरागढ़ीन दन्ते श्री रतनपुहिन दाई

उड़ान -दसमाविद्या तिहि कहाये का 

तोला भेंट चघावव चघावव मईया

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2   

अंतरा -2  

काली खप्परवाली रूप दिखे बड़ भारी 

रकत नयन चुंदी छरियाये जिभिया हाथ पसारी  

नील बरन दिखे महमाई मुर्दा के हे सवारी  

बघवा खर्री कनिहा म पहिरे विष हर गर्ब धारी 

उड़ान -सरस्वती छिन्मस्तिका कहाये 

जुगजुग जस ल बखानव बखानव मईया 

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2   

अंतरा -3   

अपन मुड़ी ल हाथ म काटे रकत के धार बोहाये 

भूख मिटाये जय बिद्या के महतारी तै कहाये 

छोडसी दाई कमल म बईठे सोला कला दिखाए 

जोगी तपसी सेवा करके भाग अपन सहूराये 

उड़ान -त्रिपुर सुंदरी मन ल मोहे 

दाई के चरण मनावव मनावव मईया 

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2  

अंतरा -4    

भुनेश्वरी सरी जग म पुजाये हर दुर्गम के परानी 

सौ बछर अंकाल म दाई तिहि हा करे कल्याने 

दुखिया के दुःख म आशु बोहाये तन म राखे जाने 

त्रिपुर भैरवी नाव जनाये भगत के पाये माने 

उड़ान -धुआँ धुआँ म सरग तोपागे 

धुआँवती गोहरावव गोहरावव मईया 

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2 

अंतरा -5    

बगुला रूप डर बगुला देवी पीवरी पियर सुहाये 

मातंगी मनमोहनी मूरत कमला लछमी कहाये 

अनधन के भंडार भरइया आशा तिसना मिटाये 

किसम किसम के नव रूप ल अड़हा समझ नी पाये 

उड़ान -प्रजा पति ममता बर तरसे 

अर्जी अरज सोरियवव सोरियवव मईया 

कईसे के तोला मनावव हो माँ

येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ-2 

गायिका परिचय ( ममता देशमुख)

ममता देशमुख छत्तीसगढ़ी भक्ति संगीत की एक जानी-मानी गायिका हवंय। उंकर आवाज म अपन गांव के माटी के खुशबू अऊ श्रद्धा के भावना झलकथे। ममता देशमुख के गायन म भक्ति, समर्पण अऊ सांस्कृतिक परंपरा के अद्भुत समागम मिलथे। इहां गीत “येहो पहाड़ा वाली” म उंकर भावनात्मक आवाज भक्त मन ला माँ के विभिन्न रूप म ले जाथे।

गीत के बोल के अर्थ (Chhattisgarhi में ):

मुखड़ा -
"येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ"
मइया पहाड़ा म बिराजे हवय, ओकर कई-कई नाव हे, रूप हे, तेखर सेती भक्त असमंजस म हे के कइसे ओकर मन जीतै।

अंतरा 1:
मइया शीतला, चंडी, बम्लाई, बस्तरहीन, समलाई, दंतेश्वरी जइसन रूप धर के अलग-अलग जगह म बिराजे हवय। दसमहाविद्या के रूप म मइया पहिचानाय।

अंतरा 2:
मइया के खप्परवाली, काली, नील वर्ण, मुर्दा के सवारी वाले भयंकर रूप ल दर्शाय गे हे। मइया सरस्वती अउ छिन्नमस्ता के रूप म घलो बिराजे हवय।

अंतरा 3:
मइया अपन मुड़ी ल काट के रकत के धार बहाथे अऊ भूख मिटाथे। तेन विद्या के महतारी आय। मइया योगिनी, तपसी ल मोहित करे वाली त्रिपुर सुंदरी आय।

अंतरा 4:
मइया भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी के रूप म दुखियारी के पीरा हरथे, अकाल म कल्याण करथे अऊ धुआंवती रूप म गोहराथे।

अंतरा 5:
बगुला देवी, मातंगी, कमला लक्ष्मी, मइया के अनेक रूप हवय। धन, समृद्धि, ममता सब ले भरपूर हवय, फेर भक्त मन ला ओकर रूप समझ म नई आथे।

छत्तीसगढ़ी कथा

“येहो पहाड़ा वाली कईसे के तोला मनावव हो माँ” गीत म एक भक्त के मन के चिंता झलकथे, जऊन अपन जीवन म दुख-तकलीफ ले जूझत हवय अऊ मइया के अनेक रूप म ओकर सहाय खोजत हवय।

गीत म बताय गे हे के मइया के अनेक रूप हे – कभू शीतला, कभू बम्लाई, कभू खप्परवाली, तो कभू लक्ष्मी अऊ कमला। ये सब रूप म एके शक्ति के दर्शन होथे – “आदि शक्ति महमाई।” भक्त असमंजस म हे – मइया ल मनाय बर का नाम लेवव, का रूप ल भजेव, काबर के सब रूप म एके शक्ति हे।

भक्त कहिथे –

"कतको नाव तोर, अउ कतको रूप हे – का तोर जस ल गावव मईया?"

भक्त अपन भक्ति म गहराई ले जुड़ गे हवय, जिहां ओकर भावना मां के अलग-अलग रूप ल निहारे लागथे।

बम्लाई म मइया बस्तर के रक्षक बने हे। दंतेश्वरी म शक्ति के अद्भुत स्वरूप हे। समलाई म समर्पण के मूर्ति, अउ खप्परवाली म क्रोध अऊ अन्याय के संहार करे वाली रूप दिखथे।

गीत के हर अंतरा म मइया के एक नई छवि ल उकेरा गे हे –

  • कभू मइया अपन सिर काट के अपन बालक मन ल दूध पियाथे।

  • कभू दुखिया के आंसू पोछ के ओकर पीरा हरथें।

  • कभू धुआं म लिपटी त्रिपुर भैरवी बनके, अंधकार म प्रकाश बनके प्रकट होथें।

  • कभू बगुला रूप धरके भक्त मन के रक्षा करथें।

ये गीत एक रहस्य, एक भक्ति, एक आत्मा के पुकार आय – जेकर सवाल हे, कईसे के तोला मनावव हो मइया?


ये गीत काबर सुनना जरूरी हे?

✅ मइया के दसों महाविद्या के दर्शन
✅ छत्तीसगढ़ी संस्कृति अऊ गाँव के देवी मन के नाव 
✅ भक्त के मन के सच्चा सवाल अउ गोहार 
✅ आत्मा ला झकझोर देहे वाला गीत ,संगीत,अउ गायन 

नोट - एक बार मन लगा के सुनव – तोर मन मइया  के भगति म डूब जाही।

👉 ममता देशमुख के आवाज म - येहो पहाड़ा वाली गीत पढ़े सुने बर यंहा क्लिक करव

https://www.youtube.com/watch?v=ijKYF8Lhd4g

माता रानी के अउ जस गीत निचे दे हावे क्लीक करव 

  1. आ जाबे दाई 
  2. अंगार मोती के 
  3. जुड़वास परब 
  4. पहुना बनके 
  5. झन जा तै बेटा 
  6. मइके जाये बर 

टिप्पणियाँ