👣 जगजोत जलत हे /बालकुंवर /पचरा जस 👣

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गीत -जगजोत जलत हे 

गायिका -बालकुंवर 

गीत शैली -पचरा जस गीत

यूट्यूब -विजय कुमार जस गीत  

वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे 

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मुखड़ा 

जब जगमग जगमग हो जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो -2

जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो-2

अंतरा -1 

जब कौन मंदिर मा जोत जलत हे कौन मंदिर मा जंवारा 

कौन मंदिर मा जोत जलत हे कौन मंदिर मा जंवारा

कौन मंदिर मा जंवारा हो मईया कौन मंदिर मा जंवारा

कौन मंदिर मा जोत जलत हे कौन मंदिर मा जंवारा

कौन मंदिर मा जंवारा हो मईया कौन मंदिर मा जंवारा

कौन मंदिर मा जोत जलत हे कौन मंदिर मा जंवारा  

उड़ान -जब कौन मंदिर मा फूल चढ़त हे जगमग जगमग हो 

जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो -2

अंतरा -2 

जब दुर्गा मंदिर मा जोत जलत हे महामाया मा जंवारा 

दुर्गा मंदिर मा जोत जलत हे महामाया मा जंवारा 

महामाया मा जंवारा हो मईया महामाया मा जंवारा

दुर्गा मंदिर मा जोत जलत हे महामाया मा जंवारा 

उड़ान -जब शीतला मंदिर मा फूल चढ़त हे जगमग जगमग हो

जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो-2

अंतरा -3 

जब कौन हा तोर जोत जलाये कौन हा बोये जवारा-2 

कौन हा बोये जवारा हो मईया कौन हा बोये जवारा

कौन हा तोर जोत जलाये कौन हा बोये जवारा

कौन हा बोये जवारा हो मईया कौन हा बोये जवारा

कौन हा तोर जोत जलाये कौन हा बोये जवारा

उड़ान -जब कौन हा तोर फूल चढ़ाये जगमग जगमग हो

जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो-2

अंतरा -4 

जब राम हा तोर जोत जलाये सीता हा बोये जवारा-2

सीता हा बोये जवारा हो मईया सीता हा बोये जवारा

राम हा तोर जोत जलाये सीता हा बोये जवारा

सीता हा बोये जवारा हो मईया सीता हा बोये जवारा

राम हा तोर जोत जलाये सीता हा बोये जवारा

उड़ान -जब हनुमत तोर फूल चढ़ाये जगमग जगमग हो

जगजोत जलत हे जगमग जगमग हो-2

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गीत के अर्थ (Meaning in Chhattisgarhi)

“जगमग जगमग हो” गीत मं माई के जोत अऊ जवारा के महिमा ला बताय गे हे।
भक्त मन कहत हवं — जब मंदिर मं जोत जलथे, तब पूरा जग जगमगाय जात हे।
मईया के आराधना, दीपक के जोत अऊ भक्ति के प्रकाश — ये तीनों मिलके धरती ला पवित्र करथें।

गीत के हर अंतरा मं अलग-अलग देवी के मंदिर अऊ जोत के जिक्र हे —
कहीं दुर्गा माता, कहीं महामाया, कहीं शीतला माता,
जेमां हर ठन मंदिर के उजाला के साथ भक्ति के जोत जगमगात हे।


🌼 गीत के महत्त्व (Mahtv)

“जगमग जगमग हो” पचरा जसगीत ह —
जेन मं माता के जोत जला के परंपरा के बखान करे गे हे।
छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव मं जंवारा बोने, जोत जलाने अऊ माता के नाम के फुल चढ़ाने के परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चलथे।
ये गीत मनखे मन के भक्ति भावना ला जगाथे अऊ सिखाथे —
“जग के उजाला, जोत के रौशनी अऊ भक्ति के भावना, ये सब एके संग चलथे।”जगमग जगमग हो गीत पर आधारित कहानी (1500 शब्दों में Chhattisgarhi कथा)

 गीत के मुख्य उद्देश्य हे

Ø  माता के प्रति भक्ति भावना जागृत करना

Ø  जोत अऊ जवारा के आध्यात्मिक महत्व ला बताना।

Ø  समाज मं भक्ति अऊ एकता के संदेश देना।

Ø  नारी शक्ति, सृजन अऊ मातृत्व के प्रतीक जवारा के पवित्रता ला जनाना।

छत्तीसगढ़ी में कहानी 

एक बखत के बात हवे —छत्तीसगढ़ के एक छोटे गांव “बरगांव” मं एक बूढ़ी माई रहत रहिस — नाम रहिस देवकुंवर दाई
हर साल जंवारा के समय वो अपन झोपड़ी के आगे मिट्टी के दीया जलाके, माता दुर्गा के नाम ले जोत धरथें।

एक साल गाँव मं भारी सूखा पर गे रहिस।
न पानी, न फसल, न हरियाली।
गांव वाले कहिन — “इस बखत जोत नइ धरन, जंवारा बोवई के मन नइ करय।”
बाकी देवकुंवर दाई कहिन —

“माई के जोत जलाय बिना, अंधियारा कैसे मिटही?”

ओ दिन वो अपन कांपी-कांपी हाथ ले दीया जलाइस।
दीया जलाय के बखत वो गावत रहिस —
“जब जगमग जगमग हो, जगजोत जलत हे…”
पूरा गाँव अचंभित होगे —
जिहां-जहां हवा चलत रहिस, ओ दीया ना बुझे!
बलकि धीरे-धीरे, पूरा आंगन उजियार होगे।

रात भर ओ जोत जगमग करत रहिस।
सबेरे गाँव के एक-एक कोना मं हरियाली दिखे लगिस।
लोग कहिन — “देवकुंवर दाई के जोत ले गांव मं जीवन आइस।”

ओ दिन ले हर साल, जंवारा बोये जाथे, जोत जलाये जाथे अऊ “जगमग जगमग हो” गीत गाये जाथे।
बच्चा-बच्चा जानत हे — जब तक माई के नाम ले जोत जलत हे,
अंधियारा कभू टिक नइ सकय।

ए कहानी छत्तीसगढ़ के हर गाँव के कथा बनगे हे।
जहां जोती के रौशनी अऊ भक्ति के संगीत मं जीवन के आशा जगथे।
“जगमग जगमग हो” गीत एक भरोसा देथे —

“जतका समय माई के नाम ले जोत जलत हे,
तव तक धरती जगमग करत रहिथे।” 

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