Veena Ke Bajaiya



वीना के बजईया ओ मईया






🚩 गीत - वीणा  के बजईया ओ  मईया 


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🚩 ब्लॉगर  - के के  पंचारे 


Lyrics -veena ke bajaiya

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स्थाई 

वीना के बजईया ओ मईया ज्ञान के देवईया ओ


हे  शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


उड़ान - " "हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ"


अंतरा-1


पहली सुमरनी तोर करत हव,तोर चरण जग बंदव ओ



सुर के देवईया शारदा मईया सब दिन तोला मनावव

 ओ


सुर के देवईया शारदा मईया सब दिन तोला मनावव

 ओ


कोरस - सब दिन तोला मनावव ओ मईया सब दिन

 तोला मनावव ओ


सुर के देवईया शारदा मईया सब दिन तोला मनावव

 ओ



उड़ान - " सुर में समाये ओ दाई कंठ समाये ओ "



हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 



अंतरा -2


कमल फूल म आशन लगाये वीणा ल तैहा बजाये ओ 


वेद पुरान अऊ साधु संत ल ज्ञान ल तैहा बताये ओ


वेद पुरान अऊ साधु संत ल ज्ञान ल तैहा बताये ओ


कोरस - ज्ञान ल तैहा बताये ओ मईया ज्ञान ल तैहा

 बताये ओ


वेद पुरान अऊ साधु संत ल ज्ञान ल तैहा बताये ओ


उड़ान - ज्ञान बगराये ओ दाई जग म ये छाये ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


अंतरा -3 


ब्रम्हा के बेटी ओ तैहा हमरो दुआरी आबे ओ 


हंस में चढ़ के आबे ओ दाई हमरो लाज बचाबे ओ 


हंस में चढ़ के आबे ओ दाई हमरो लाज बचाबे ओ 


कोरस - हमरो लाज बचाबे ओ मईया हमरो लाज

 बचाबे ओ



हंस में चढ़ के आबे ओ दाई हमरो लाज बचाबे ओ 


उड़ान - तोला सोरियायेव दाई तोला गोहरायेव ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


अंतरा -4  


दरस देखादे भाग जगादे दरस के हावव आश  ओ 


माँगत  हावव दे दे ओ माता सात सरगम के राग ओ 


माँगत  हावव दे दे ओ माता सात सरगम के राग ओ 


कोरस - सात सरगम के राग ओ मईया सात सरगम के

 राग ओ 


माँगत  हावव दे दे ओ माता सात सरगम के राग ओ 


उड़ान - झूमर झूमर के ओ दाई सुमर सुमर के ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 


हे शारदा मईया परव तोर पईया ओ 





माँ सरस्वती की महिमा 


माँ सरस्वती, हिंदू धर्म में विद्या, संगीत, कला और ज्ञान की देवी हैं। उन्हें ब्रह्मा की पत्नी के रूप में भी माना जाता है। उनके बारे में कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं जो उनकी महिमा और महत्व को दर्शाती हैं। आइए, माँ सरस्वती की महिमा पर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नजर डालते हैं:

1. ज्ञान और विद्या की देवी:

माँ सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता है। वे छात्रों, शिक्षकों और

विद्वानों की आराध्य देवी हैं। विद्या की प्राप्ति और ज्ञान के प्रसार के लिए उनकी पूजा की जाती है।

2. संगीत और कला की संरक्षिका:

माँ सरस्वती संगीत और कला की भी देवी हैं। उनका एक प्रमुख प्रतीक वीणा है,

जिसे वे अपने हाथों में धारण करती हैं। वीणा संगीत और कला की विभिन्न

विधाओं का प्रतीक है।

3. प्रतीक और स्वरूप:

माँ सरस्वती का स्वरूप सफेद वस्त्र धारण किए हुए होता है, जो पवित्रता और

शुद्धता का प्रतीक है। वे हंस (सफेद बत्तक) पर विराजमान होती हैं, जो विवेक

और ज्ञान का प्रतीक है। उनके हाथों में वीणा, पुस्तक, माला और कमंडल होते हैं।

4. वसंत पंचमी:

वसंत पंचमी का त्योहार माँ सरस्वती को समर्पित है। इस दिन उनकी विशेष पूजा

की जाती है और उन्हें विद्या और कला का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए याद

किया जाता है।

5. महाभारत और वेदों में उल्लेख:

महाभारत और वेदों में भी माँ सरस्वती का उल्लेख है। वेदों के अनुसार, माँ

सरस्वती ने वेदों की रचना की और उन्हें मानव जाति के लिए उपलब्ध कराया।

6. आध्यात्मिक महत्व:

माँ सरस्वती की आराधना से मनुष्य को आत्मज्ञान प्राप्त होता है और उसके

जीवन में सच्चा प्रकाश फैलता है। उनकी कृपा से ही मनुष्य अपनी अंतरात्मा को

पहचान पाता है।

7. प्रसिद्ध मंदिर:

माँ सरस्वती के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें त्रिचूर का वदक्कुनाथन मंदिर और

कश्मीर का शारदा पीठ प्रमुख हैं। इन मंदिरों में भक्त बड़ी संख्या में दर्शन और

पूजा के लिए आते हैं।

माँ सरस्वती की महिमा अपरंपार है। वे हमें सदैव ज्ञान के पथ पर अग्रसर होने की

प्रेरणा देती हैं और हमारे जीवन को प्रकाशमान करती हैं। उनकी आराधना से हम

जीवन में सच्चे सुख और शांति को प्राप्त कर सकते हैं।





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