पारम्परिक जस गीत लिरिक्स तुम झुलव महामाई ,निबुआ के डार म हां ,CG JAS GEET LYRICS,CG JASLYRICS


पारम्परिक जस गीत लिरिक्स 

CG JAS GEET LYRICS,CG JASLYRICS






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 तुम झुलव महामाई ,निबुआ के डार म हां

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तुम झुलव महामाई ,निबुआ के डार म हां -२ 

(१ )जब काहेन  के तोर झूलना बने हे ,काहे के लगे ओ  के डोरी "-२ 

जब काहे के लगे ओ  के डोरी माता काहे के लगे ओ  के डोरी

काहेन  के तोर झूलना बने हे ,काहे के लगे ओ  के डोरी

उड़ान -"  जब कहेन  के तोर झूलना सजे हे निबुआ के डार म हां

तुम झुलव महामाई ,निबुआ के डार म हां -२ 

(२  ) जब चन्दन काठ के तोर झूलना बने हे ,रेशम लगे ओ के डोरी -२  

जब रेशम लगे ओ के डोरी -२

  चन्दन काठ के तोर झूलना बने हे ,रेशम लगे ओ के डोरी

उड़ान -"  जब हीरा मोती में  झूलना सजे हे निबुआ के डार म हां

 तुम झुलव महामाई ,निबुआ के दर म हां -२ 

(३ ) जब कउन  बनाये तोर झूलना ओ माता, कउन  बनाये ओ के डोरी-२ 

जब  कउन  बनाये ओ के डोरी-२ 

 कउन  बनाये तोर झूलना ओ माता, कउन  बनाये ओ के डोरी

उड़ान -"  जब कउन सजाये तोर झूलना ओ माता  निबुआ के डार म हां

तुम झुलव महामाई ,निबुआ के डार म हां -२ 

(४ ) जब बढ़इ   बनाये तोर झूलना ओ  माता ,पटवा  बनाये ओ के डोरी

जब पटवा  बनाये ओ के डोरी-२ 

बढ़इ   बनाये तोर झूलना ओ  माता ,पटवा  बनाये ओ के डोरी

उड़ान -" जब  सोनार सजाये  तोर झूलना ओ  माता "

निबुआ के डार म हां

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