👣चल चंदरपुर जाबो  /दुकालू यादव /नवरात्रि गीत  👣



Dukalu Yadav | Cg JasGeet | Chal Chandrpur Jabo Ga | New Chhattisgarhi Bhakti Geet | HD VIDEO 2020

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गीत -चल चंदरपुर जाबो गा 

गायक -दुकालू यादव 

गीतकार -दुकालू यादव 

म्यूजिक कंपनी -के के कैसेट 

वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे 

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मुखड़ा 

चल चंदरपुर जाबो गा भईया चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

येदे चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना -2 

अंतरा -1 

चलव ओ दीदी चलव गा भईया चलव गा लईका सियान मन 

चन्द्रहासनी के दर्शन करके जीवन होही धन धन 

चलव ओ दीदी चलव गा भईया चलव गा लईका सियान मन 

चन्द्रहासनी के दर्शन करके जीवन होही धन धन 

उड़ान -माता ला माथ नवाबो गा भईया ,चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

येदे चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

अंतरा -2  

महानदी के तीर में सुघ्घर माता जी हे बिराजे 

दुःखिया सुखिया निर्धन मन के माता बनाथे काजे 

महानदी के तीर में सुघ्घर माता जी हे बिराजे 

दुःखिया सुखिया निर्धन मन के माता बनाथे काजे 

उड़ान -जीवन ला सुफल बनाबो गा भईया ,चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

येदे चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

अंतरा -3   

जऊन हा चन्दर पुर मा जाके माता के दर्शन पाथे 

हाथ पसारे जाथे अउ सब झोली भर के आथे 

जऊन हा चन्दर पुर मा जाके माता के दर्शन पाथे 

हाथ पसारे जाथे अउ सब झोली भर के आथे 

उड़ान -माता के आशीष पाबो गा भईया ,चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना 

येदे चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना  

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गीत के अर्थ (सरल छत्तीसगढ़ी में)

ए गीत मा भक्त अपन भईया, दीदी, लइका सब ला बोलावत हावय कि—चलव चन्दरपुर, चलव चन्द्रहासिनी माता के दरशन करे बर।
माता के दरशन ले दुःख–दर्द मिटथे, जीवन धन–धन हो जाथे।
महानदी किनारा मा बिराजे माता सब गरीब, दुःखी, सुखी सबके काम बनाथे।
जऊन मन झोली पसार के माँ ले भक्ति करथे, वो झोली भर के लहुटथे ,आशीष लेके घर लहुटथे।

गीत के महत्व (महात्म्य)

v चन्द्रहासिनी माता छत्तीसगढ़ के बहुते प्रसिद्ध शक्ति पीठ आय 

v चन्दरपुर महानदी के तीर बसे हे, जिहां भक्ति अउ शांति के वातावरण रहिथे।

v दर्शन ले मन के चिंता, कलेस, पीड़ा दूर होथे।

v गीत मनखे ला माता के दरशन बर प्रेरित करथे।

v पूरी परिवार संग माता के दरशन करबो, अइसने मान्यता हे कि घरघर मा खुशहाली आवत हे।


✅ गीत के उद्देश्य (Udeshya)

v क्त मन ला चन्दरपुर यात्रा बर बुलाना।

v चन्द्रहासिनी माता के महिमा ला जनजन तक पहुँचाना।

v महानदी किनारा मा बिराजित देवी के आस्था अउ संस्कृति ला बढ़ाना।

v परिवारिक भक्ति यात्रा के महत्व बताना।



 एक भक्तिपूर्ण यात्रा कथा

छत्तीसगढ़ धरती मांगे भक्ति, संस्कृति, परंपरा अउ देवी–देवता के चैती गीत रचे बसे हावे। एमा एक बहुते सुग्घर अउ मन ला भा जाए वाली गीत हे –
“चल चंदरपुर जाबो गा भईया, चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना”

ए गीत महज गीत नइये, एमा पूरे छत्तीसगढ़िया आस्था, अपनत्व अउ परिवारिक भक्ति के सुग्घर भाव बसाय गे हे। जब ए गीत बजे, त मन मा अपन आपे अइसने भाव उठथे कि चलव—भईया, दीदी, लइका सबे—चन्दरपुर जाबो, माता के दरशन करबो।

चन्दरपुर – महानदी तीर बसे माता चन्द्रहासिनी के धाम

चन्द्रहासिनी माता के मंदिर छत्तीसगढ़ के जशपुर–रायगढ़ सीमा तिर बसे हे।
भाव–भक्ति के केंद्र, जहाँ महानदी अपन शांत लहर ले भक्त ला सुख–शांति देथे।

लोक मान्यता हे कि जऊन मन माता के दर्शन करथे, वो खाली झोली नइये लौटय। माँ चन्द्रहासिनी—दुःखिया, निर्धन, सुखिया, सबके काम बनाथे

गीत के पहिली पंक्ति – बुलाहट के स्वर

चल चंदरपुर जाबो गा भईया चन्द्रहासनी माता के दरश कर आबो ना
इहाँ “भईया” शब्द अपनापे परिवारिक प्रेम अउ भाईचारा ला जताथे।
भक्त एक दुसर ला बोलावत हावय—चलव, मन ला पावन करबो, माता के दरशन करबो।

मनखे जेन घरी माँ के धाम मं पहुँचथे, ओखर जीवन मा नई उमंग, नई ऊर्जा भर जाथे।

अंतरा 1 – परिवारिक भक्ति यात्रा

“चलव ओ दीदी चलव गा भईया, चलव गा लईका सियान मन”
एक साथ पूजा करे मा अलगच आनंद हे—
v     अपन लइकासियान मन ला संस्कृति सिखाथे
v     अपन परिवार मा एकता बढ़थे
v     माता के दर्शन घरपरिवार बर वरदान होथे 

गीत कहिथे कि—
माता के दरशन ले जीवन धन–धन हो जाथे।
मनखे कइसे भी दुख मा होय, माता चन्द्रहासिनी ओखर पथ उजियार कर देथें।

अंतरा 2 – महानदी किनारा के चमत्कार

“महानदी के तीर में सुघ्घर माता जी हे बिराजे”
महानदी स्वयं छत्तीसगढ़ के जीवनदायिनी नदी हावय।
ए नदी किनारा मा माता चन्द्रहासिनी के विराजना—
भक्ति के साथ–साथ प्रकृति के अद्भुत संगम ला दिखाथे।

“दुःखिया–सुखिया निर्धन मन के माता बनाथे काजे”
एमा माता के दया–माया के परिचय मिलथे।
जऊन मन गरीब होय, दुख झेलत होय, संघर्ष करथें—
माता ऊ मन के आस–विश्वास बन जाथें।

अंतरा 3 – झोली भर के आना

“जऊन हा चन्दरपुर मा जाके माता के दर्शन पाथे
हाथ पसारे जाथे अउ सब झोली भर के आथे”

इहाँ झोली भर के आना मतलब—

v     मनोकामना पूरी हो जाना

v     घर परिवार मा सुखसमृद्धि आना

v     तनमन मा शांति मिलना

छत्तीसगढ़ के लोक परंपरा मा देवी–देवता के द्वार जाके “झोली पसारना” अपनापे बड़ा विश्वास के निशानी हे।
माता अपने दीन–दुखिया, ईमानदार भक्त मन के झोली बरजत नइये।

गीत के उड़ान—प्रेरणा के भाव

गीत हर अंतरा के पाछू जे "उड़ान" आवत हे, ओमा तीन संदेश हे—
1️⃣ माथ नवाबो – विनम्रता रखवो
2️⃣ जीवन ला सुफल बनाबो – सही काम करबो
3️⃣ आशीष पाबो – माता सब देखत हवय

भक्तिमय यात्रा – मन के बदलाव

चन्दरपुर जाके, महानदी किनारा मं बैठके, माता के जगराता सुनके—
भक्त मन कहिथें कि मन भारी होय के बाद ले पंख जइसने हल्का हो जाथे।

चन्द्रहासिनी माता दर्शन – सांस्कृतिक महत्व

v     छत्तीसगढ़ के लोक गीत, जसगीत, भक्ति गीत मा चन्द्रहासिनी माता के बारम्बार उल्लेख मिलथे।

v     गाँवगाँव ले लोग नवरात्रि, शीतला, आदिशक्ति पर्व मा माता के धाम जाथे।

v     मंदिर छत्तीसगढ़झारखंडउड़ीसा तीनों राज्य के भक्त मन के आस्था केंद्र हे। 


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