देवबस्तर ला काबर छोड़े//स्व. मिथलेश साहू //के के कैसेट्स
मुखड़ा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर का काबर छोड़े हो माय
अंतरा -1
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
अहीर बालकवा हो मईया अहीर बालकवा
उड़ान - नीत उठ दूध चढ़ाये चढ़ाये हो मईया
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
अंतरा -2
देव बस्तर मा मईया माली बालकवा
माली बालकवा हो मईया माली बालकवा
उड़ान - नीत उठ फूल चढ़ाये चढ़ाये हो मईया
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
अंतरा -3
देव बस्तर मा मईया पनिका बालकवा
पनिका बालकवा हो मईया पनिका बालकवा
उड़ान - नीत उठ धोती चढ़ाये चढ़ाये हो मईया
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
अंतरा -4
देव बस्तर मा मईया बामन बालकवा
बामन बालकवा हो मईया बामन बालकवा
उड़ान - नीत उठ घंटा बजाये बजाये हो मईया
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
अंतरा -5
देव बस्तर मा मईया बईगा बालकवा
बईगा बालकवा हो मईया बईगा बालकवा
उड़ान - नीत उठ धूप चढाये चढाये हो मईया
देवबस्तर मा मईया अहीर बालकवा
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
अंतरा -6
पांच भगत मिल तोरे जस गाये
उड़ान - जय जय कराथे तुम्हारे हो माँ
देवबस्तर का काबर छोड़े हो माय
देवबस्तर ला काबर छोड़े तै छोड़े हो मईया
देवबस्तर ला काबर छोड़े हो माय
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म्यूजिक कंपनी क्रेडिट
गीत -देव बस्तर
गायक -स्व. मिथलेश साहू
भाषा -छत्तीसगढ़ी
शैली -पचरा देवी विदाई
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✅ गीत के अर्थ (छत्तीसगढ़ी भाषा )
ए गीत मा
मया माई ला बिनती करथे
के – “हे
मईया! देवबस्तर छोड़ के काबर जाथस? तंहा देवबस्तर मा सब जात-जवार के भकती स्वीकार करथस।”
गीत मा अहीर दूद
चढ़ाथे, माली फूल चढ़ाथे, पनिका धोती चढ़ाथे, बामन घंटा बजाथे अउ बईगा धूप
चढ़ाथे। आखिर मं पाँचों भगत
मिलके जस गाथे अउ
मईया के जय-जयकार
करथें।
✅ गीत
के महत्व
v
ए
गीत छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति अउ समन्वय भावना के प्रतीक हे।
v
हर
जाति-समाज अपन-अपन ढंग ले मईया के
भक्ति करथें, जेकर झलक गीत मं साफ दिखथे।
v
देवबस्तर ला देवी-देवता
के पवित्र स्थल माने जाथे, इही से गीत मं
मईया ला रोकय के
बिनती होवत हे।
v ए गीत एकता, आस्था अउ जातीय समरसता ला आगे लाथे।
✅ गायक
परिचय
🎤 गायक – स्व.मिथलेश साहू
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध लोकगायक, जेकर आवाज मा छत्तीसगढ़ी संस्कृति, देवी जसगीत, अउ पारंपरिक लोकधुन के अमर झंकार सुनाय देथे। मिथलेश साहू के गीत गांव-गांव,नवरात्री पर्व म गूंजथे।मिथलेश साहू गरियाबंद जिले के आय ,सांस्कृतिक लोक कला मंच रंग सरोवर मिथलेश साहू के द्वारा गठित किये गए हे। सांस्कृतिक लोक कला मंच में मिथलेश साहू के विशेष योगदान हे।
नवरात्री मा माता रानी के अउ जस गीत लिरिक्स पढ़े बर
वेबसाइट का नाम /वेबसाइट ऑनर
वेबसाइट -www.cgjaslyrics.com
वेबसाइट ऑनर -के के पंचारे
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टीप - अगर आप मन ल कोनो प्रकार के जस गीत के लिरिक्स चाही त coment में जरूर बतावव
👣❤️जय माता दी 👣❤️
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