गउवा चराये प्रतिपाला // GAUWA CHARAYE PRATIPALA


गउवा चराये प्रति पाला 


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गीत -गउवा चराये प्रतिपाला 

गायक -दुकालू यादव 

वेबसाइट -cgjaslyrics .com 

वेबसाइट ऑनर -केके पंचारे 

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मुखड़ा 


गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 


अन्तरा -1


कउने रंग गईया हो मईया कउने रंग बछड़ा

कउने रंग गईया हो मईया कउने रंग बछड़ा 

कउने रंग बछड़ा हो मईया कउने रंग बछड़ा

कउने रंग बछड़ा हो मईया कउने रंग बछड़ा

उड़ान -कउने रंग हावय चरवाहा मोर किशन कनहइया

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ 


अन्तरा -2 


सादा  रंग गईया हो मईया लाली  रंग बछड़ा

सादा  रंग गईया हो मईया  लाली  रंग बछड़ा 

लाली रंग बछड़ा हो मईया लाली रंग बछड़ा

लाली रंग बछड़ा हो मईया लाली रंग बछड़ा

उड़ान -सांवला रंग हावय चरवाहा मोर किशन कनहइया

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ


अन्तरा -3 


कउने बन गईया हो मईया कउने बन बछड़ा

कउने बन गईया हो मईया कउने बन बछड़ा 

कउने बन बछड़ा हो मईया कउने बन बछड़ा

बन रंग बछड़ा हो मईया कउने बन बछड़ा

उड़ान -कउने बन हावय चरवाहा मोर किशन कनहइया

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ


अन्तरा -4  


बंशी बन गईया हो मईया मधु बन बछड़ा

बंशी बन गईया हो मईया मधु बन बछड़ा 

मधु बन बछड़ा हो मईया मधु बन बछड़ा

मधु बन बछड़ा हो मईया मधु बन बछड़ा

उड़ान -विन्द्रा बन हावय चरवाहा मोर किशन कनहइया

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया 

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

गउवा चराये प्रति पाला हो माँ

  आगे ओ जस गीत देखो


गउवा चराये प्रति पाला लिरिक्स | दुकालू यादव | छत्तीसगढ़ी कृष्ण भजन


गायक: दुकालू यादव

गीत: गउवा चराये प्रति पाला

श्रेणी: छत्तीसगढ़ी भक्ति गीत, लोकगीत, कृष्ण भजन

वेबसाइट: www.cgjaslyrics.com

लेखक: केके पंचारे


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✨ गीत परिचय | Gauwa Charaye Prati Paala Lyrics Chhattisgarhi Me


"गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया" – ए गीत मं बाल कृष्ण के भोला-भाला रूप ला देखाय गे हवय, जऊन रोज गौ-पालन करथे, गउवा-बछड़ा के संग अपन मया के रिश्ता बनाथे। दुकालू यादव के सुरीला आवाज ए गीत ला अउ भी जियादा मधुर बनाथे।


ए गीत छत्तीसगढ़ के गांव-गांव मं आज घलो गूंजथे, जिहां भगवान कृष्ण ला चरवाहा के रूप मं पूजा जाथे।

गीत के अर्थ (भावार्थ) – सरल छत्तीसगढ़ी में


ए भजन मं कृष्ण भगवान ला गउवा चरावत देखाय गे हवय। वो हर एक गइया अउ बछड़ा के रंग, रूप अउ बनावट ला देख के अपन मया जताथे।


सादा रंग गईया – सादगी के प्रतीक


लाली रंग बछड़ा – ऊर्जा अउ बालपन


सांवला चरवाहा – श्रीकृष्ण के सुंदर सांवला रूप


मधु बन बछड़ा – मिठास अउ मोहिनी भाव



ए गीत हमन ला प्रकृति, पशु-पक्षी अउ भगवान के बीच के आत्मीय संबंध के याद दिलाथे।

गायक के बारे में – दुकालू यादव


दुकालू यादव छत्तीसगढ़ के जाने-माने भजन गायक हें, जेन मनखे ला माटी के सुगंध, लोक रीति रिवाज अउ भक्ति भाव मं डुबो देवथें। “गउवा चराये प्रति पाला” उनकर एक प्रसिद्ध गीत हावय, जऊन हर पीढ़ी मं सुने जाथे।


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📚 सांस्कृतिक महत्व


ए गीत छत्तीसगढ़ के कृष्ण भक्ति लोक परंपरा ला मजबूत करथे।


गौ-सेवा अउ पशुपालन के महत्व ला बताथे।


गांव-गांव मं कृष्ण जन्माष्टमी अउ मड़ई मं ए गीत गाथे जाथे।

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निष्कर्ष (Conclusion)


"गउवा चराये प्रति पाला" एक एधन भक्ति गीत ए, जेन छत्तीसगढ़ के माटी, संस्कृति अउ कृष्ण भक्ति ला जीवन्त करथे। ए गीत मं गउवा, बछड़ा अउ चरवाहा के बीच के मया, सादगी अउ श्रद्धा के समर्पण झलकथे।

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गउवा चराये प्रति पाला – एक छत्तीसगढ़ी कहानी | कृष्ण भक्ति कथा | cgjaslyrics.com


लेखक: केके पंचारे

श्रेणी: छत्तीसगढ़ी भक्ति कथा, लोककथा, बालकृष्ण कथा

मुख्य कीवर्ड: गउवा चराये प्रति पाला कहानी, कृष्ण चरवाहा कथा, छत्तीसगढ़ी भक्ति कथा, cgjaslyrics

वेबसाइट: www.cgjaslyrics.com

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🌿 कहानी सुरू होत हे – गउवा चराये प्रतिपाला


बहुत पुराना बात आय। छत्तीसगढ़ के एक सुंदर गांव मं एक चरवाहा लइका रहय – ओकर नाव रहिस कन्हैया। सबो गांव वाले ओकर मया, भोलापन अउ हँसी के बड़े दीवाना रहिन। कन्हैया हर रोज भोर मं उठ के अपन गउवा-बछड़ा ला चराय बर ले जाथे।


मइया यशोदा जइसने ओकर मइया, कन्हैया ला प्यार से "कनहइया" कहिके बुलावत रहिस।


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🐮 गउवा चराना – कनहइया के रोज के सेवा


कन्हैया अपन सोंटा, बंशी अउ गउवा संग रोज नई बेरा बगर ले खेत, जंगल अउ चरागाह मं जाथे। ओकर गउवा मं एक सफेद रंग के “गंगा”, एक लाली रंग के “राधा”, एक बन रंग के “चंपा” अउ एक मधुर सुर के बछड़ा रहिस “मधुबन”।


हर एक गउवा अउ बछड़ा ले कन्हैया के अपन-अपन किस्सा रहिस। वो कहिथे – “गउवा ल चराना केवल काम नो हे, ए तो सेवा आय, मया के काम आय।”

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🎶 बंसी के सुर अउ बछड़ा के नाच

जब कनहइया अपन बंसी बजाथे, त जंगल गूंज जाथे। बछड़ा उछल-पुठल करथे, गउवा धीरे-धीरे चरथे, चरवाहा मन सुनके रुक जाथे। कभू-कभू चिरइया मन घलो झाड़ी मं बइठ के सुनथें। एक बेर रेंगाल नंदा नाम के बछड़ा कनहइया के बंसी के आवाज मं इतना मस्त होगे कि वो नाच-नाच के डहर मं लुढ़क गे।

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👩‍👦 मईया के चिंता अउ चरवाहा के जवाब


एक दिन मइया पूछिस – “कन्हैया! का रोज-रोज गउवा चराय बर जाथस? थक जाथस रे बेटा!”


कन्हैया ह मुस्कराके कहिस –

“मइया, मोर गउवा मोर जिनगी आय। जब तक मं ओ मन ला चरा थंव, तब तक मं जिन्दा हंव।”

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 एक दिन के अलग कहानी


एक दिन भारी बादर आ गे। बिजली चमकय, पान बरसय सुरु हो गे। सब चरवाहा मन जल्दी-जल्दी अपन गउवा ला लान लगिन, फेर कनहइया अब्बड़ शांति से बइठे रहिस। ओकर गउवा हर एक ठऊर मं बगराय रहिन। कनहइया अपन बंसी बजाके धीरे-धीरे सब ला एक-जगह करिस।


लइका मन पूछिन – “तें डरत नइ कइसे?”


कन्हैया ह कहिस –

“कन्हैया डरत नइ, ओ तो अपन गउवा ले मया करथे। बादर भी ओखर दोस्त आय।”


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कन्हैया मं भगवान के दर्शन


गांव के एक बुजुर्ग दाई रोज कहिथे – “ए कनहइया ह आम लइका नो हे, ए मं भगवान के दर्शन होथे। ओ जब गउवा ला देखथे, ओ मं गउ माता ला देखथे। जब बछड़ा ला सहलाथे, ओ मं जीव के आत्मा देखथे।”

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💫 चरवाहा या भगवन – गांव मं चमत्कार


एक दिन गांव मं अकाल पड़ गे। चारो कोती सुखा पड़गे। गउवा भूख मं घलो गिर गे। सब घबराय लगिन। फेर कनहइया अपन बंसी बजाय लगिस। ओ दिन ले पान बरसय लगिस। बछड़ा उछल-उछल के खेत मं नाचिन। सबो मनखे बोलिन – “कन्हैया ह केवल चरवाहा नो, ओ तो भगवान आय।”

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 गीत के आधार – “गउवा चराये प्रति पाला”


दुकालू यादव के मधुर भजन “गउवा चराये प्रति पाला” एही कहानी के संगीत रूप आय।

जब ओ गीत बजथे –

> "गउवा चराये प्रति पाला मोर किशन कनहइया..."

त मन मं कनहइया के छवि जाग जाथे –

बंसी वाला, गउ सेवा वाला, गउ माता मं आत्मा देखे वाला।






        

        


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