Baghua Dhilaye//बघुआ ढिलाये

बघवा ढिलाये

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 गीत -बघवा ढिलाये

गायक -पुरन साहू 

गीतकार -पुरन साहू 

Music Labal-kk Casette

वेबसाइट ऑनर -kkPanchare

Cgjaslyrics

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बघवा बघवा कहे रे संगी  बघवा कहा ले आय 

बघवा ढिलाये रण भुईया मा फोड़ कलेजा खाय

 यहो बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना


मुखड़ा 

यहो बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना

उड़ान-यहो दानव सेना जब देवी संग झगड़ा मचाये ना

यहो दानव सेना जब देवी संग झगड़ा मचाये ना

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना


पद-1


जग हित खातिर जगदम्बा हा जूझहे रण मा जम के गा

संग संग भगवा गर्जन लागे पोटा असुरन के गा

जग हित खातिर जगदम्बा हा जूझहे रण मा जम के गा

संग संग भगवा गर्जन लागे पोटा असुरन के गा

उड़ान-यहो धर धर दानव रौंदे बघवा गैरी माताये ना

यहो धर धर दानव रौंदे बघवा गैरी माताये ना

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना


पद-2


जंगल के राजा हा बिफर के बादर कस गरजत हे गा

किजर  किजर के रण भुईयां मां असुरन बर झपटत हे गा

जंगल के राजा हा बिफर के बादर कस गरजत हे गा

किजर  किजर के रण भुईयां मां असुरन बर झपटत हे गा

उड़ान-यहो घलबल मचगे रण भुईयां मां लहू बोहाऐ ना

यहो घलबल मचगे रण भुईयां मां लहू बोहाऐ ना

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना


पद-3


बन के अड़े रा रण भुईयां मां दाई के बघवा छागे गा

जीव के दर मा दानव मन हर जतर कतर सब भागे गा

बन के अड़े रा रण भुईयां मां दाई के बघवा छागे गा

उड़ान-यहो चाबय चिरय दानव मन ला बड़ गुर्राये ना

यहो चाबय चिरय दानव मन ला बड़ गुर्राये ना

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना


पद-4


महतारी के हितवा बघवा दानव मन ला नसाथे गा

जगतारण के संग मा रहिके देवन काज बनाथे गा

महतारी के हितवा बघवा दानव मन ला नसाथे गा

जगतारण के संग मा रहिके देवन काज बनाथे गा

उड़ान-यहो प्रेम पुरन हा बघ देवा के आशीष पाये ना

प्रेम पुरन हा बघ देवा के आशीष पाये ना

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

रण भुईयां में बघवा ढिलाये 

बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये ना

रण भुईयां मां दुर्गा दाई के बघवा ढिलाये ना

────୨ৎ────

गीत ‘बघवा ढिलाये’ के आधार पर  छत्तीसगढ़ी कथा:

छत्तीसगढ़ के कोने-कोने म जब दुर्गा दाई के जस गाये जाथे, तब एक विशेष गीत हवय जऊन म "बघवा ढिलाये" के गाथा गाये जाथे। ये गीत एके संगीपुरण परंपरा म गहराई से जुरे हे, अउ एक ठन ऐसे रचना हे जऊन म माताजी के बघवा के बहादुरी, शौर्य, अउ भक्ति भावना ला बखूबी दर्शाय गे हे।

🌾 कथा के सुरुआत - बघवा कहां ले आये?

गीत के आरंभ म गायक कहिथे -
"बघवा बघवा कहे रे संगी, बघवा कहा ले आय..."
ये पंक्ति अपन आप म सवाल करथे – ये बघवा आखिर कहां ले आइस? अऊ जवाब मिलथे –
"रण भुईया मा फोड़ कलेजा खाय"
माने – वो रण के मैदान म, युद्ध भूमि म, दुश्मन मन के कलेजा फोड़ के खा जाथे। ये बघवा के पराक्रम के बखान हवय।


🔥 रण भुईया मा बघवा के ढिलाय

मुखड़ा म लगातार दोहराए जाथे –
"बघवा ढिलाये बघवा ढिलाये..."
मतलब – दुर्गा दाई अपन बघवा ला रण भुईया म ढिल डारे हें। ये बघवा कोई साधारण सिंह नइ, बल्कि देवी के आदेश म चलइया, असुरन ला मारइया अउ भक्तन के रक्षक हवय।


🗡 उड़ान - जब दानव सेना मचाय झगड़ा

गीत म एक बिंदु आवथे जब गायक कहिथे –
"यहो दानव सेना जब देवी संग झगड़ा मचाये ना..."
माने – जब दानव मन देवी से टकराय बर आइस, तब दुर्गा दाई अपन बघवा ला रण भुईया म ढिल दीन।

बघवा अपन पंजा अउ दांत ले दानव सेना ला चिथा-चिथा कर डारे। रण के मैदान ल लहू से रंग दे हे।


🛡 पद-1 – जग हित खातिर दुर्गा के युद्ध

दाई जगत के कल्याण खातिर युद्ध म उतरथे –
"जग हित खातिर जगदम्बा हा जूझहे रण मा जम के गा"
अउ संग म बघवा गर्जना करथे, असुरन के मन म डर भर देथे। इहाँ बघवा केवल हिंसा के प्रतीक नइ बल्कि न्याय, धर्म अउ ममता के रक्षक रूप म आय।


🐅 पद-2 – जंगल के राजा के रूप म बघवा

बघवा के तुलना जंगल के राजा से करे गे हे –
"बिफर के बादर कस गरजत हे गा"
मतलब – सिंह बादर जइसे गरजथे अउ रण म किजर-किजर के असुरन ऊपर झपटत हे। रण भुईया म घलबल मच गे अउ चारों कोती लहू के धार बहे लग गे।


🦁 पद-3 – बघवा के आतंक अउ असुर के भगदड़

"बन के अड़े रा रण भुईयां मां दाई के बघवा छागे गा..."
असुर मन डर के मारे जतर-कतर भागे लगथे। बघवा एक-एक कर के दानव मन ला चाबथे, गुर्राथे, अउ रण म माताजी के जयकार गूंजथे।


🙏 पद-4 – बघवा महतारी के सेवक अउ रक्षक

"महतारी के हितवा बघवा दानव मन ला नसाथे गा..."
दाई के बघवा केवल युद्ध करइया नइ, बल्क‍ि वो महतारी के इच्छा म काम करे वाला सेवक आय। देवता मन के संग म रहिके, असुरन के विनाश म बघवा बराबर के भागीदार बनथे।

गीत के अंत म पुरन साहू अपन श्रद्धा प्रकट करत कहिथे –
"प्रेम पुरन हा बघ देवा के आशीष पाये ना..."
मतलब – गायक खुद बघवा के भक्ति म समर्पित हे अउ दैवी कृपा पाइस।


🔴 कहानी के सारांश (Summary):

"बघवा ढिलाये" एक जस गीत आय जऊन म देवी दुर्गा के वीरता अउ बघवा के पराक्रम के महाकाव्य गाथा गाये गे हे। ये गीत म छत्तीसगढ़ी संस्कृति, भक्ति, युद्ध, साहस अउ धर्म रक्षा के भावना जीवंत हो जाथे। गीत केवल संगीत नइ बल्कि एक कथा आय – जिहां बघवा बनथे रक्षक, दाई बनथे मार्गदर्शक अउ भक्त बनथे समर्पित।





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