➻❥ गीत - दुर्गा पूजन बर हो ➻❥ गायक - प. सुनील तिवारी ➻❥ गीतकार - कन्हैया उस्ताद ➻❥ निर्माता - लखि सुंदरानी ➻❥ CGJASLYRICS
➻❥ गीत - दुर्गा पूजन बर हो
➻❥ गायक - प. सुनील तिवारी
➻❥ गीतकार - कन्हैया उस्ताद
➻❥ निर्माता - लखि सुंदरानी
➻❥ निर्देशक - मोहन सुंदरानी
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
CGJASLYRICS
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
दुर्गा पूजन बर हो चले हरी अवतारी - 2
उड़ान - " येहो दुर्गा पूजन बर हो "
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
उड़ान - " येहो कमल नयन हरी अवतारी मईया हो.... 2
दुर्गा पूजन बर हो
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
अंतरा -1
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
जंगल भीतरी मा दुर्गा के मंदिर अचरित शोभा पाये
ऊहिचे रहे सरोवर एकठन जीहा राम जी जाए
जेन सरोवर मासो नाहके हे, फुल गजब मम्हाये
एक सौ आठ फुल हे तोड़े,देवी चरण मा मढ़ाए
उड़ान -" नम्मी कुआर के परब सुहाये मईया हो.... 2
दुर्गा पूजन बर हो
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
अंतरा - 2
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
रोज के रहे उपास राम हा,खाए न पिए न रघुराई
एकम दूज तीज चौथ हे बीते पंचमी छट के दुहाई
साते हा बितगै अस्तमी आगे लीला रचे महामाई
श्री राम जब करे असनाने फूल थोड़े सुखदाई
उड़ान - " दुर्गा के मंदिर राम जी आये ,मईया हो
दुर्गा पूजन बर हो
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
अंतरा -3
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
एक सौ आठ कमल फूल थोड़े गण गण हरी चढ़ाये
एक ठन फूल हा कमती हो जाथे राम के मन अकुलाये
मर्यादा पुर्षोत्तम अइसे रघुबीर बुद्धि लगाये
तिरबान ले नैन निकाल के श्री राम हरसाये
उड़ान - " माता चरण म नैन चढ़ाये ---मईया हो "
दुर्गा पूजन बर हो
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
अंतरा -4
𝄥𝄞────────── 𝄇𝄥𝄞────────── 𝄇
जगदम्बा श्री राम के भगती म होंगे महामाया परसन
धन्य हे वो रघु कुल भूषण ल पाठे दुर्गा के दरसन
कमल नयाल वोहा जग म उजागे कौशिल्या के नंदन
चरण पखारे आरती करके वर मांगे प्रभु अईसन
उड़ान - " कनहैया राम के कीर्ति सुनाये --मईया हो "
दुर्गा पूजन बर हो
चले हरी अवतारी दुर्गा पूजन बर हो
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें