गीत - काली मारे किलकारी// एल्बम - काली मारे किलकारी //गीत /स्वर - पुरन साहू,lyrics cg jas
एल्बम - काली मारे किलकारी
गीत /स्वर - पुरन साहू
निर्माता - रेखचं ओसवाल
निर्देशन - एजाज ए वारसी
म्यूजिक लेबल -kk कैसेट
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हो काली मारे किलकारी रण म रिसागे भारी ना
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हो काली मारे किलकारी रण म रिसागे भारी ना
उड़ान -" हो धर धर के दानव खाएं"
करत हे उजारी
रण मा रिशागे भारी ना
अंतरा -1
रक्त बीज एक दानव भारी शिव ले असवर पाए
जतका लहू गिरे भुईयां मां रकत बीज उपजाए
शुंभ के सेना जग जगदम्बा रण ले मार भगाए
ऊहि बेरा तब शुभ निशुंभ हा रकत बीज ला पठहाये
उड़ान -" हो मईया संग लड़े बर आगे" -२
दानव दुराचारी
रण मा रिसाग गै भारी ना
अंतरा -2
कहे देवी जेन जीतही रण में ओकर बन्हु रानी
बरजे देवी रकत बीज ला नई मानिस अभिमानी
खल बल मचगे रण भुईया मां ऊपजे काली भवानी
उड़ान -" हो रही रही के बघवा दहाड़े" -२
करत हे उजारी
रण मा रिशागे भारी ना
अंतरा -3
काजर कस रूप बिरबित कारी ,खाड़ा खप्पर धरे
कट कट कटकट दात ल कटरे,रही रही के किलकारे
खच खच काटे दानव मन ल बोहाए लहू अपारे
चारो मुड़ा म लाश गजागे, रण म खरहर पारे
उड़ान - " हो देवी दानव दुनो दल मा मचेगै हां हां कारी
"-2
रण मा रिशागे भारी ना
अंतरा -4
हो रकत बीज के लहू गिरे ले अड़बर असूररण जागे
अइसे लागे ये भुईयां मां ,रकत बीज हां भारागे
तब जगदम्बा काली संग म सुघ्घर बांधना बधागे
मरत हव तै पीबे लहू ल अइसे गा समझागे
उड़ान -" हो गिरे झन लहू भुईया माँ "
मरही असुरारी
रण मा रिशागे भारी ना
अंतरा -5
मारे देवी तलवार मूसर मां धरचंडिका चबाथे
पिए लहू काली सोसन भर कोलिहा कुकुर हा अघाठे
रकत बीज के नाव बुटागे देवन सब हर्षाथ परे चरण म
शिव भोला हा देख के काली थिराथे
उड़ान - हो बैरी के काल ओ काली
भगत हित कारी
रण मा रिशागे भारी ना
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