जस लिरिक्स_आरती उतारन बर हां/ Pachra जस लिरिक्स,,cg jas lyrics
आरती उतारन बर हा सब देवता हो आवय
जस लिरिक्स_ पारंपरिक जस गीत
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आरती उतारन बर हा सब देवता हो आवय आरती उतारन बर हां
आरती उतारन बर हां
सब देवता हो आवय आरती उतारन बर हा-2
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अंतरा -1
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जब कामा आये गणपति देवता कामा आये हनुमाने-२
जब कामा आये पांचों भाई पडवा
आरती उतारन बर हां
सब देवता हो आये आरती उतारन बर हां
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अंतरा -2
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जब मुसवा आये गणपति देवता उड़त आये हनुमाने-२
जब रथ में आये पांचों भाई पडवा
आरती उतारन बर हां
सब देवता हो आवय आरती उतारन बर है
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अंतरा -3
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जब कामा आवय ब्रम्हा देव हा कामा आवाय विष्णु-२
जब कामा आवय भोलेनाथ हां
आरती उतारन बर हां
सब देवता हो आवय आरती उतारन बर है
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अंतरा -4
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जब हंस में आवय ब्रम्हा देव हा गरुड़ में आवाय विष्णु-२
जब बईला में आवय भोलेनाथ हां
आरती उतारन बर हां
सब देवता हो आवय आरती उतारन बर हां
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अंतरा -5
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जब हंस में आवय ब्रम्हा देव हा गरुड़ में आवाय विष्णु-२
जब बईया में आवय भोलेनाथ हां
आरती उतारन बर हां
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अंतरा -6
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सब देवता हो आवय आरती उतारन बर हां
पांच भगत मिल तोरे जस गाये जय जय होए तुम्हारे
जब बालक बारवा कछु नई जाने
आरती उतारन बर हां
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