जस गीत-तोर किसम किसम के मनाये ओ ,‧गायक- दुकालू यादव //गीतकार- प्रेम उस्ताद , lyricsjascg



जस गीत लिरिक्स- 
तोर किसम किसम के मनाये ओ
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जस गीत-तोर किसम किसम के मनाये ओ

गायक- दुकालू यादव

गीतकार- प्रेम उस्ताद

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तोर किसम किसम के मनाये ओ

तोर किसम किसम के मनाये ओ जुड़वास ओ दाई

तोर किसम किसम के मनाये ओ जुड़वास ओ दाई

उड़ान - " सबके पीरा चिन्हईया दाई

यहो सबके पीरा चिन्हईया दाई

तोरे जस हा छाये ओ 

तोर किसम किसम के

अंतरा 1

यहो जईसे अगास के रद्दा जोहत धरती हा आस लगाये

रिमझिम रिमझिम पानी बरसे भुंईया के तिसना मिटाये

यहो खेत खार में किसान मन सब नांगर अपन जोताये 

अपन अपन सब डीही डोंगरी के शांति पूजा करवाये

उड़ान - " हो के छाहीत करे सहाई 

यहो हो के छाहीत करे सहाई "

खेत सबो लहराये ओ

तोर किसम किसम के

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अंतरा 2

यहो सरग उपर मे सातो ऋषि मन मंतर तोर उचारे

ब्रम्हा विष्णु चांउर तिल ला अग्नि कुंड में डाले

यहो सदा भगवती करे सहायी पीतर मन उद्धारे

हो के शांति तब दुर्गा देवी देवता मन ला उबारे

उड़ान - " देवता मन सरी अन्न धन पाके

यहो देवता मन सरी अन्न धन पाके"

तोरे जस हावे गाये ओ

तोर किसम किसम के

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अंतरा 3

यहो धरती उपर में घी अउ मंदरस दही में एक मिलाये

चांउर तिल अउ जंवा मिला के हुमन ओमा संगराये

यहो बाम्हन देवता पढ़ के मंतर देवी ला भोग लगाये

अर्पण कर के कुंड में पाछू हुमन धूप डरवाये

उड़ान - " अस्थीर हो के तब देवी हे

यहो अस्थीर हो के तब देवी हे"

अन्न धन ला बरसाये हो

तोर किसम किसम के

अंतरा 4

यहो दानव मन पताल लोक में अचरित हुमन कराये

भईसा बोकरा भेड़ा काट के तोला बली बघाये

यहो लहूं लहूं में तोला नहवा के चोवा अतर लगाये

रण चंडी जय चंडी कहीके हीलीगिली शबद सुनाये

उड़ान - " हो के शांत तब चंडी भवानी

यहो हो के शांत तब चंडी भवानी "

आशीष ला बरसाये ओ

तोर किसम किसम के

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lyricsjascg

अंतरा 5

यहो नांग लोक में सगरो बिख हर तोर करे जप सुमिरन

किसम किसम के पान फूल धर करे बरत अउ पूजन

यहो पांच मुंह अउ सात मुंह ले मंतर पढ़े मने मन

परसन हो के शीतला भवानी दुख ला हरे दे दर्शन 

उड़ान - " शांत हो के तब दुर्गा देवी

यहो शांत हो के दुर्गा देवी "

किरपा ला बगराये हो

तोर किसम किसम के

अंतरा 6

यहो जइसे जेहर आशा राखे तइसे आस पुराये

तोर अचरा के निर्मल छंईहा सब ला शीतल कराये

यहो बरवा के सब दुख ला टारे अलहन तीर नई आये

ये ही सेती तो असाड़ महिना तोर जुड़वास मनाये

उड़ान - " कल्लूदास सियान हा गुन के

यहो कल्लूदास सियान हा गुन के"

प्रेम ला मरम बताये हो

तोर किसम किसम के

यहो सब के पीरा चिन्हईया दाई

यहो सब के पीरा चिन्हईया दाई

तोरे जस हा छाये हो

तोरे किसम किसम के

तोरे किसम किसम के मनाये हो जुड़वास हो दाई

तोरे किसम किसम के मनाये हो जुड़वास हो दाई


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