डोंगरगढ़ जाबो | बमलेश्वरी मइया जस गीत
गीत : डोंगरगढ़ जाबो
🌸 डोंगरगढ़ जाबो – बमलेश्वरी मइया के दरबार के भक्ति कथा 🌸
गायक – भुनेश्वर जंघेल
गीतकार – जाहिर उस्ताद, दुकालू यादव
संगीतकार – दुकालू यादव
वेबसाइट – www.cgjaslyrics.com
ऑनर – के के पंचारे
🛕 कहानी – छत्तीसगढ़ म बमलेश्वरी मइया के चमत्कारी दरबार
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला म एक पवित्र जगह हे – डोंगरगढ़। ए जगह सिरिफ पहाड़ी इलाका नइ, बल्कि मइया बमलेश्वरी के दरबार हे, जिहां लाखों भकत मन अपन मनोकामना लेके साल भर आवत रहिथे।
“डोंगरगढ़ जाबो, बमलेश्वरी दरबार म” – ए गीत हमन ला ये बात याद दिलाथे के जिहां मन श्रद्धा ले जाथे, उहां चमत्कार घलो होथे। गीत के हर पंक्ति म भक्ति के भाव, श्रद्धा के अटल विश्वास, अउ छत्तीसगढ़ के संस्कृति झलकथे।
🌾 नम्मी परब अउ मेला के महिमा
गीत म उड़े गे हावय – “नम्मी परब मा मेला भराथे, चईत महिना कुंआर में”। ये परब डोंगरगढ़ म खास होथे। नवरात्रि म तो इहां भारी भीड़ लगथे। गाांव-गांव ले लोग जयकारा लगावत, झंडा बान्ह के, माँ के दर्शन खातिर डोंगर चढ़थे।
डोंगरगढ़ के ऊँचाई म बने मंदिर म 1000 ले ज्यादा सीढ़ी हे। भकत मन हर एक सीढ़ी म मइया के नाम ले जयकारा लगावत चढ़थे – “जय बमलेश्वरी मइया”।
🌸 मइया के चमत्कार – गरीब अउ बांझ माई के आशीर्वाद
गीत म जिकर हे –
“गरीब मन हा अन्नधन पाथे,
बांझ हा कोरा मा लईका झूलाथे”
ए बात केवल गीत नइ, सच्चाई हे। बहुत मनखे ए मइया के दरबार म अपन दरद लेके आये हे –
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जेकर घर म अन्न नइ, मइया ओखर झोली भर दिये हे।
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जे माई के कोरा खाली रहि गे रिहिस, ओला मइया लईका दे दिये हे।
ऐसे हजारों चमत्कार डोंगरगढ़ म भकत मन अनुभव करे हे।
🪔 आरती, दर्शन अउ श्रद्धा के दीप
गंगा जल ले मइया के चरण धोना, संझा-बिहनिया म आरती करना – ए सब श्रद्धा के चिह्न हे।
गीत म आय हे –
“गंगा के जल मा चरण पखारे, संझा बिहनिया आरती उतारे”
मइया के मंदिर म हर दिन दीप जलथे, घंटा बजथे, अउ भक्ति के गूंज म पहाड़ गूंज उठथे।
⛰️ डोंगरी के ऊपर बमलाई बिराजे
“डोंगरी उपर बमलाई बिराजे, ममता मयी के मूरत साजे” –
डोंगरगढ़ के पहाड़ म बने मंदिर म बमलेश्वरी मइया के प्रतिमा बहुत सुंदर हे। मइया के चेहरा म ममता दिखथे। भकत मन के मन म आनंद आ जथे।
मइया के दरबार म – “छत्तीसगढ़ के भाग जगाये” – ए बात सही लागथे। छत्तीसगढ़ के आस्था के केंद्र बन गे हे डोंगरगढ़।
🙏 पुन्य कमाबो, दर्शन करबो
अंत म गीत म आय हे –
“दर्शन कर के पुन ला कमाबो, हर साल तोर मंदिर आबो”
– अइसने भावना हर साल लाखों मनखे ला डोंगरगढ़ खींच के लाथे।
जिनगी भर म एक बेर जरूर – डोंगरगढ़ जाके माँ बमलेश्वरी के दर्शन कर लेवव, ए भावना गीत म झलकथे।
📜 सारांश
"डोंगरगढ़ जाबो" एक भक्ति गीत नइ बल्कि एक श्रद्धा के यात्रा आय। जाहिर उस्ताद, दुकालू यादव अउ भुनेश्वर जंघेल के स्वर म गूंजत ए गीत, छत्तीसगढ़ के हर दिल म बसा हे।
डोंगरगढ़ सिरिफ एक स्थान नइ – वो हे भक्त अउ मइया के बीच के सेतु। ए गीत ओ सेतु ला और मजबूत करथे।
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