डोंगरगढ़ जाबो | बमलेश्वरी मइया जस गीत


 गीत : डोंगरगढ़ जाबो 

गायक : भुनेश्वर जंघेल
गीतकार : जाहिर उस्ताद, दुकालू यादव
संगीतकार : दुकालू यादव

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डोंगरगढ़ जाबो बमलेश्वरी दरबार में

डोंगरगढ़ जाबो

उड़ान - " नम्मी परब मा मेला भराथे 

चईत महिना कुंआर मे

डोंगरगढ़ जाबो

डोंगरगढ़ जाबो बमलेश्वरी दरबार में

डोंगरगढ़ जाबो

अंतरा 1
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गरीब मन हा अन्नधन पाथे

बांझ हा कोरा मा लईका झूलाथे

गंगा के जल मा चरण पखारे

संझा बिहनिया आरती उतारे

उड़ान - "सबो के दाई आस पुराये हो

सबो के दाई आस पुराये जस छाये संसार में

डोंगरगढ़ जाबो

डोंगरगढ़ जाबो बमलेश्वरी दरबार में

डोंगरगढ़ जाबो

अंतरा 2
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डोंगरी उपर बमलाई बिराजे 

ममता मयी के मूरति साजे

जगमग जगमग ज्योति बरत हे 
रस करे बर मन हुलसत हे

उड़ान - "छत्तीसगढ़ के भाग जगाये

छत्तीसगढ़ के भाग जगाये दाई तै हा दुलार के

डोंगरगढ़ जाबो

डोंगरगढ़ जाबो बमलेश्वरी दरबार में

डोंगरगढ़ जाबो

अंतरा 3
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दर्शन कर के पुन ला कमाबो

हर साल तोर मंदिर आबो

जिनगी के संग चोला छुट जाही 

चंदा सुरूज मन हाबे गवाही

उड़ान - "तोर लईका जस ला गाये 

डोंगा फसे मजधार में

डोंगरगढ़ जाबो-२

बमलेश्वरी दरबार में

डोंगरगढ़ जाबो

नम्मी परब मा मेला भराथे ओ

नम्मी परब मा मेला भराथे चईत महिना कुंआर में

डोंगरगढ़ जाबो

🌸 डोंगरगढ़ जाबो – बमलेश्वरी मइया के दरबार के भक्ति कथा 🌸

गायक – भुनेश्वर जंघेल
गीतकार – जाहिर उस्ताद, दुकालू यादव
संगीतकार – दुकालू यादव
वेबसाइटwww.cgjaslyrics.com
ऑनर – के के पंचारे


🛕 कहानी – छत्तीसगढ़ म बमलेश्वरी मइया के चमत्कारी दरबार

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला म एक पवित्र जगह हे – डोंगरगढ़। ए जगह सिरिफ पहाड़ी इलाका नइ, बल्कि मइया बमलेश्वरी के दरबार हे, जिहां लाखों भकत मन अपन मनोकामना लेके साल भर आवत रहिथे।

डोंगरगढ़ जाबो, बमलेश्वरी दरबार म” – ए गीत हमन ला ये बात याद दिलाथे के जिहां मन श्रद्धा ले जाथे, उहां चमत्कार घलो होथे। गीत के हर पंक्ति म भक्ति के भाव, श्रद्धा के अटल विश्वास, अउ छत्तीसगढ़ के संस्कृति झलकथे।


🌾 नम्मी परब अउ मेला के महिमा

गीत म उड़े गे हावय – “नम्मी परब मा मेला भराथे, चईत महिना कुंआर में”। ये परब डोंगरगढ़ म खास होथे। नवरात्रि म तो इहां भारी भीड़ लगथे। गाांव-गांव ले लोग जयकारा लगावत, झंडा बान्ह के, माँ के दर्शन खातिर डोंगर चढ़थे।

डोंगरगढ़ के ऊँचाई म बने मंदिर म 1000 ले ज्यादा सीढ़ी हे। भकत मन हर एक सीढ़ी म मइया के नाम ले जयकारा लगावत चढ़थे – “जय बमलेश्वरी मइया”।


🌸 मइया के चमत्कार – गरीब अउ बांझ माई के आशीर्वाद

गीत म जिकर हे –
गरीब मन हा अन्नधन पाथे,
बांझ हा कोरा मा लईका झूलाथे

ए बात केवल गीत नइ, सच्चाई हे। बहुत मनखे ए मइया के दरबार म अपन दरद लेके आये हे –

  • जेकर घर म अन्न नइ, मइया ओखर झोली भर दिये हे।

  • जे माई के कोरा खाली रहि गे रिहिस, ओला मइया लईका दे दिये हे।

ऐसे हजारों चमत्कार डोंगरगढ़ म भकत मन अनुभव करे हे।


🪔 आरती, दर्शन अउ श्रद्धा के दीप

गंगा जल ले मइया के चरण धोना, संझा-बिहनिया म आरती करना – ए सब श्रद्धा के चिह्न हे।
गीत म आय हे –
गंगा के जल मा चरण पखारे, संझा बिहनिया आरती उतारे

मइया के मंदिर म हर दिन दीप जलथे, घंटा बजथे, अउ भक्ति के गूंज म पहाड़ गूंज उठथे।


⛰️ डोंगरी के ऊपर बमलाई बिराजे

डोंगरी उपर बमलाई बिराजे, ममता मयी के मूरत साजे” –
डोंगरगढ़ के पहाड़ म बने मंदिर म बमलेश्वरी मइया के प्रतिमा बहुत सुंदर हे। मइया के चेहरा म ममता दिखथे। भकत मन के मन म आनंद आ जथे।

मइया के दरबार म – “छत्तीसगढ़ के भाग जगाये” – ए बात सही लागथे। छत्तीसगढ़ के आस्था के केंद्र बन गे हे डोंगरगढ़।


🙏 पुन्य कमाबो, दर्शन करबो

अंत म गीत म आय हे –
दर्शन कर के पुन ला कमाबो, हर साल तोर मंदिर आबो
– अइसने भावना हर साल लाखों मनखे ला डोंगरगढ़ खींच के लाथे।

जिनगी भर म एक बेर जरूर – डोंगरगढ़ जाके माँ बमलेश्वरी के दर्शन कर लेवव, ए भावना गीत म झलकथे।


📜 सारांश

"डोंगरगढ़ जाबो" एक भक्ति गीत नइ बल्कि एक श्रद्धा के यात्रा आय। जाहिर उस्ताद, दुकालू यादव अउ भुनेश्वर जंघेल के स्वर म गूंजत ए गीत, छत्तीसगढ़ के हर दिल म बसा हे।

डोंगरगढ़ सिरिफ एक स्थान नइ – वो हे भक्त अउ मइया के बीच के सेतु। ए गीत ओ सेतु ला और मजबूत करथे। 




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