👉गीत -आरती उतारव हो 👉गायक -दुकालू यादव 👉गीतकार -प्रेम उस्ताद //cgjaslyrics
👉गीत -आरती उतारव हो
👉गायक -दुकालू यादव
👉गीतकार -प्रेम उस्ताद
👉निर्माता -रेखचंद ओसवाल
👉म्यूजिक लेबल -केके कैसेट
cgjaslyrics
आरती उतारव हो ---
दियना थाली ल धरके दाई तोर पौरी परके आरती उतारव हो
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अंतरा -1
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यहो सूघ्घर अगर काड़ी धरके गुगुर धुप अउ चंदन
पान सुपाड़ी नारियल धरके लाली चोवा बंदन
हाथ जोड़ दुनो माथ नवाके सुमरव मैंहा मनेमन
बाधा बिधन हर्बे दाई जहां आये कोनो अलहन
उड़ान - " येहो चरण तोर पखारेव हो "
दियना थाली ल धरके दाई तोर पौरी परके आरती उतारव हो
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अंतरा -2
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सत के सतवंतीन मोर दाई सब के करे सहाई
तहि हवस वो विंध्यवासनी डोंगरगढ़हीन दाई
तोर दुवारी जेनहा आथे काटे राही दुहाई
एकरे सेती तो दुनिया भर में होथे तोर बड़ाई
उड़ान - " येहो तुहिच ल जोहारव हो --"
दियना थाली ल धरके दाई तोर पौरी परके आरती उतारव हो
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अंतरा -3
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माता तोर हे अगम चरितर शास्तर भीतर लिखाये
जुगन जुगन ले पारो भर तै लेवत आये
दुर्गा काली लक्समी बनके दुःख ले उबार कराये
चौदह भुवन म माता तैहर धरम ध्वजा फहराये
उड़ान -" येहो रसदा निहारव हो ---हो "
दियना थाली ल धरके दाई तोर पौरी परके आरती उतारव हो
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अंतरा -4
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बंजारी खल्लारी तै हर कारज सब के बनाये
भोली माता शीतला दाई अत्री राह पुराबे
कभू तै मोर संग नई छोड़े आज घलो तै आबे
लईका समझ के प्रेम ल अपन आके पाठ दबाबे
उड़ान - " येहो अर्जी उजारव हो "
दियना थाली ल धरके दाई तोर पौरी परके आरती उतारव हो
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