कलजुगिया दानव ,अत्याचारी हे जस लीरिक्स_युवराज निषाद,बालक राधे पारकर



गीत -कलजुगिया दानव ,अत्याचारी हे-
गायक-युवराज निषाद
गीतकार- बालक राधे पारकर
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कलजुगिया दानव ,अत्याचारी हे-2
तभे काली धरे जब कटारी हे

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उड़ान-" पाप के छाये अंधियारी हे,अंधियारी हे"
तभे काली धरे जब कटारी हे
(1) गौकीन सुनहू धरम ईमान के हुकुम चलत हे बैरी बईमान के
     नई चले ककरो गोठ सियान के,उल्टा गरजे छाती ला तान के
उड़ान -" काकर बल मा गरजे बैरी धारी हे -2
तभे काली धरे जब कटारी हे
रेट
     नियाव करैया रुपिया खाए,महिषासुर बन सब ला दबाए
उड़ान -" बड़े बड़े बैरी ,दुराचारी हे-2"
तभे काली धरे जब कटारी हे
(3)एक दिन पापी के हड़िया हा भरग, सत के नियाव मा परगे
ओ दिन ओकर करनी उघर के, सत के सपेरा मा परगे
 उड़ान -" आज मरे के तोर पारी हे-2"
तभे काली धरे जब कटारी हे
(4) मरे ला नई मरे हे कहिथे, जियत जागत ओ मरगे
     ऊही दिन ले निगाह मा गिरथ ,तब तीर मुहु लुकाथे
उड़ान-" बालक राधे बड़ा, गुनकारी हे-2"
तभे काली धरे जब कटारी हे


 
           

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