ज़स लिरिक्स - डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने ,गायक - भरत जाटव गीतकार,- चंद्रकांत बघधर्रा



ज़स - डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने


गायक - भरत जाटव


गीतकार,- चंद्रकांत बघधर्रा



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डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने

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डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२

 

उड़ान-" हे रुद्र के अवतारी तोर लीला महिमा न्यारी


संकट म ..... लंगूरे गा......आ, आ, आ  लंगूरे गा


 संकट म संकट मोचन -२, 


जन जन तोला जाने


(१)महावीर विक्रम बजरंगी, हिरदे बसे सिया राम हे


शंकर शुअन केशरी नंदन,पवन पुत् तोर नाव हे


उड़ान-" भरे ज्ञान गुण के भंडारे कपि राज हे अंजनी दुलारे"


तोर तीर म ----लंगूरे गा....... आ, आ, आ, लंगूरे गा 


तोर तीर म कभु नई अवाय -२,


भूत प्रेत मरी अऊ मशाने


डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२ 


 (२) बीते जगत के दुर्गम काजे ,भगती के तोर सिताप हे


ऊवत बेर के सुरूज ल लीले, क्षीण म जोजन भर नाप के


उड़ान -बाली बजरंग देहे बजर के लाली लाल लाली ल चुपर के"


तै सीता ........ लंगूरे गा............ आ, आ, आ लंगूरे गा


तै सीता सती के सुध ल -२ 


गये लंका ले लेहश लाने


डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२ 


(३) कापे धर थर असुरन मन हां, अइसे लड़े लड़ाई


तोर पर ताप मान जग में होत,भगत के बड़ाई


उड़ान-" तही भाई लखन ल जियाये,राजा राम ल तीही बनाये"


तोर महिमा...... लंगूरे गा,..... आ, आ, आ ,लंगूरे गा


तोर महिमा भरत हे अनाड़ी-२


बघधर्रा कतेक बखान


डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२ 












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