ज़स लिरिक्स - डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने ,गायक - भरत जाटव गीतकार,- चंद्रकांत बघधर्रा
ज़स - डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने
गायक - भरत जाटव
गीतकार,- चंद्रकांत बघधर्रा
🌷🌸 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏🌸
डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने
🌷🌸 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏🌸
डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२
उड़ान-" हे रुद्र के अवतारी तोर लीला महिमा न्यारी
संकट म ..... लंगूरे गा......आ, आ, आ लंगूरे गा
संकट म संकट मोचन -२,
जन जन तोला जाने
(१)महावीर विक्रम बजरंगी, हिरदे बसे सिया राम हे
शंकर शुअन केशरी नंदन,पवन पुत् तोर नाव हे
उड़ान-" भरे ज्ञान गुण के भंडारे कपि राज हे अंजनी दुलारे"
तोर तीर म ----लंगूरे गा....... आ, आ, आ, लंगूरे गा
तोर तीर म कभु नई अवाय -२,
भूत प्रेत मरी अऊ मशाने
डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२
(२) बीते जगत के दुर्गम काजे ,भगती के तोर सिताप हे
ऊवत बेर के सुरूज ल लीले, क्षीण म जोजन भर नाप के
उड़ान -बाली बजरंग देहे बजर के लाली लाल लाली ल चुपर के"
तै सीता ........ लंगूरे गा............ आ, आ, आ लंगूरे गा
तै सीता सती के सुध ल -२
गये लंका ले लेहश लाने
डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२
(३) कापे धर थर असुरन मन हां, अइसे लड़े लड़ाई
तोर पर ताप मान जग में होत,भगत के बड़ाई
उड़ान-" तही भाई लखन ल जियाये,राजा राम ल तीही बनाये"
तोर महिमा...... लंगूरे गा,..... आ, आ, आ ,लंगूरे गा
तोर महिमा भरत हे अनाड़ी-२
बघधर्रा कतेक बखान
डंका तोर जग म बाजे,वीर भगत राज हनुमाने -२
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें