गीत -ये ओ मयारू दाई /JAS LYRICS/ स्वर -लोकेश्वरि सेन /YE O MAYARU DAI JAS LYRICS/
✅गीत -ये ओ मयारु
✅स्वर -लोकेश्वरि सेन
✅रचनाकार -धनराज निर्मलकर
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ये ओ मयारु दाई बिना बजावत चले आबे वो
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ये ओ मयारु दाई बिना बजावत चले आबे वो -२
(1 ) हो सुरहिन गईया के गोबर वो मोरो दाई
खुट धरि अंगना लिपाए वो -२
ये ओ मयारु दाई बिना बजाये ओ मयारु दाई
खुट धरि अंगना लिपाए वो -2 वत चले आबे वो
(2 ) गजमोतियन के दाई चऊक पूरा के
सोन के कलशा मढ़ाये वो -२
ये ओ मयारु दाई सोन के कलशा मढ़ाये वो
ये ओ मयारु दाई बिना बजावत चले आबे वो -२
(3 ) हो पांच भगत मिल तोरे जस गाये वो
सुमर सुमर के मनाये वो -२
ये ओ मयारु दाई सुमर सुमर के मनाये वो
ये ओ मयारु दाई बिना बजावत चले आबे वो -२
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