जगमग जोत जले

   






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गीत -जगमग जोत  जले 

स्वर -आरु  साहू 

गीतकार -दास  मनोहर 

संगीत -मनोज पुष्पेंद्र 

वेबसाइट ऑनर - के के पंचारे 

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जग मग जोत  जले 

गमग जोत  जले हो   मईया  जगमग जोत  जले -२ 

जब ले आये नवरात भगतन के जागे भाग -२

अंतरा -1  

गांव गली खोर तीरथ लागे जगा जगा तोर धाम 

जागे जंवारा नवराति म बन जाथे  बिगड़े काम -2 

उड़ान -"खाली  झोली भरे ओ  मईया खाली  झोली भरे"-२ 

जब ले आये नवरात भगतन के जागे भाग -२ 

गमग जोत  जले हो   मईया  जगमग जोत  जले -२

अंतरा -2  

    तोर सेवा अउ पूजा ओ  दाई  सेवा भगति भाव 

जियत भर मै  हर तोर पावव  तोर अचरा के छाव -2

उड़ान -"सब जग फुले फरे हो मईया सब जग फुले फरे "-२ 

जगमग जोत  जले हो   मईया  जगमग जोत  जले -२ 


छत्तीसगढ़ी कथा : "जगमग जोत जले" - नवरात्रि के जागे भाग 

🌟 प्रस्तावना

छत्तीसगढ़ के हर कोना, हर गांव, हर गली जब नवरात्र के दिन आवत हे, त ओमा एक अलगच रंग भर जाथे। “जगमग जोत जले” गीत एक अइसने भक्ति के रंग म रंगाय हे, जेमा नारी शक्ति के महिमा, गांव के भक्ति, अउ भक्त के बिस्वास ला बखूबी उकेरा गे हे।

🕯️ कथा के आरंभ

एक छोटे से गांव "बसेला" म, जिहां के लोग सीधा-सादा अउ मेहनती रहिथें। हर साल जब नवरात्र आवथे, त ओ गांव म जैसे तीरथ उतर जाथे। घर-घर म माता के जंवारा बोय जाथे, चौक बनाय जाथे, अउ रात-रात भर जगराता होथे।

🌼 नवरात्रि के पहला दिन...

गांव के एक गरीब परिवार – रामखेलावन अउ ओकर घरवाली चंपा – जेकर जीवन संघर्ष से भरपूर रहिस। ओमन के झोली खाली रहय, मजदूरी कर के अपन पेट पालथें। फेर बिस्वास भरपूर – माता दुर्गा म ओमन के अटूट श्रद्धा रहिस।

जइसे नवरात्र सुरु होइस, रामखेलावन अपन घर के आंगना म चौक बनाइस, जंवारा बोइस अउ अपन मन के बात माता ल कहिस –
“हे दाई! मोर झोली खाली हे, फेर भरोसा भरपूर हे। तोर सेवा करत-करत मोला तोर छांव मिल जाही।”

🕯️ गीत के भाव – "जगमग जोत जले हो मईया"

जइसे-जइसे गीत बाजे लगिस –
“जगमग जोत जले हो मईया, जगमग जोत जले”,
गांव के मंदिर म, घर-घर म दियना बल गे, मानो अंधियारा दूर होवत रहय।

ये भजन म कहे गे हे –

“गांव गली खोर तीरथ लागे, जगा जगा तोर धाम।”
मतलब गांव-गांव म मंदिर बन गे, जंहा भक्त अपन मन के बात कहत रहिन।

🌾 भक्त के भाग जागे

गीत कहिथे –
“जब ले आये नवरात, भगतन के जागे भाग।”
रामखेलावन जइसने गरीब लोगन बर नवरात्र नवा सवेरा लाय। ओमन माता के भक्ति म इतना रम गे रहिन के ओमन अपन दुख-दर्द ला भुला गे रहिन।

🙏 सेवा अउ भक्ति भाव

गीत के दुसरका अंतरा म एक सुग्घर बात कहे गे हे –

“तोर सेवा अउ पूजा ओ दाई, सेवा भगति भाव।
जियत भर मै हर तोर पावव, तोर अचरा के छांव।”

ई कथन मा रामखेलावन के मन के भाव झलकथे। ओ कहिथे – “मईया, जियत रहूं तोर अचरा के छांव म रहूं। तोर पूजा, सेवा, अऊ भक्ति हमर जीवन के असली धन आय।”

🌼 गांव के रंग-बिरंगी छवि

नवरात्र म गांव के लइका-लइकी, बूढ़ा-जवान, सब जने झूमे लगिन। माटी के दीया, फूल के सजावट, अउ गरबा-डांडिया से गांव महक गे। गीत बाजे –
“सब जग फुले फरे हो मईया, सब जग फुले फरे।”
मतलब माता के किरपा ले सब झन के जीवन फुल जइसे खिल गे।

🔥 भक्ति के परिक्षा

नवरात्र के आठवां दिन रामखेलावन के घर म आग लग गे। सब कुछ जल गे। ओकर जंवारा, चौक, सब राख म बदल गे। लोगन के आंखी म आंसू भर गे, फेर रामखेलावन के मन ह बिस्वास म अडिग रहिस।

ओ मंदिर म जा के माता के गीत गाइस –
“जगमग जोत जले हो मईया...”
माय के किरपा ले गांव के सब लोग ओकर मदद करिन, अऊ नो दिन के दिन ओकर घर म नवा छप्पर बन गे, अन्न के बोरा भर गे।

🌅 कथा के संदेश

  • माता के भक्ति म शक्ति हे।

  • सच्चा बिस्वास रखै वाला के कभू हार नइ होथे।

  • “जगमग जोत जले” गीत नवा उमंग अउ उजाला के प्रतीक आय।

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