मईया तोर भुवना – अरुण यादव छत्तीसगढ़ी जस गीत लिरिक्स"

गीत-दाई तोर भुवना 

गायक-अरुण यादव 

म्यूजिक- विवेक निलेश शर्मा 

म्यूजिक कंपनी-सुंदरानी 

वेबसाईट ऑनर - के के पंचारे 

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मुखड़ा 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

उड़ान-जगमग जगमग जोत जंवारा 

 कुहके कोयली बोले सुवना

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

अंतरा -1 

काहेन फूल के भुवन बनो हे 

काहेन मंडप छाये,काहेन मंडप छाये-2   

उड़ान - काहेन फूल के बनो हे सिंहासन 

 काहेन फूल बिछाये 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

अंतरा -2 

केकती फूल के भुवन बनो हे

 केवड़ा मंडप छाये,केवड़ामंडप छाये-2   

उड़ान - चंपा चमेली के बनो हे सिंहासन 

मोगरा फूल बिछाये 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना

 फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

अंतरा -3 

दौना अड़ौना के बनो हे केवड़िया 

बीच बीच हीरा जड़ाये,बीच हीरा जड़ाये  -2   

उड़ान -भुवना देख चकित भय ब्रम्हा 

शेष पार नई पाय 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

अंतरा -4  

कमल फूल के लहगा माता पहिरे हे

 आदि भवानी,पहिरे हे आदि भवानी -2   

उड़ान -सुरुज फूल के ओढ़नी ओढे 

चोलिया हरख तुम्हारे 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना

 फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना

अंतरा -5   

ब्रम्हा विष्णु महेश शारदा 

दरसन को चले आये,दरसन को चले आये   -2   

उड़ान -सब देवन मिल करे आरती 

नारद बीना बजाय 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना

अंतरा -6    

कर सिंगार फूलन के गहना पहिरे हे 

आदि भवानी,पहिरे हे आदि भवानी   -2   

उड़ान -ठाकुर सिंह भगत जस गाये 

जयजय बोले तुम्हारे 

मईया तोर भुवना देवी तोर भुवना 

फुले हे फुलवारी मईया तोर भुवना 

उड़ान - जगमग जगमग जोत जंवारा 

 कुहके कोयली सुवना

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विशेष धन्यवाद: इस गीत के सभी मूल रचनाकारों और म्यूजिक कंपनी सुंदरानी को, जिन्होंने यह सुंदर भजन प्रस्तुत किया।

नोट: यह लिरिक्स केवल शैक्षिक और मनोरंजन के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। सभी अधिकार संबंधित कलाकार और म्यूजिक कंपनी के पास सुरक्षित हैं।

Introduction 

छत्तीसगढ़ी भक्ति गीत मं "मईया तोर भुवना" एक बहुत सुगंधित अऊ मनमोहक गीत हे, जऊन ला गायक अरुण यादव अपन मधुर आवाज मं सजाय हवंय. म्यूजिक विवेक–निलेश शर्मा के हे अऊ म्यूजिक कंपनी सुंदरानी ले जारी होए हे. ये गीत मईया भुवना के दरबार, फुलन के सजावट, अऊ देवता मन के दर्शन के बखान करथे.

गीत के अर्थ (छत्तीसगढ़ी भाषा में)

ये गीत मं मईया भुवना के सुंदरता, महिमा अऊ ओकर दरबार के सजावट के बखान करे गे हे.

मुखड़ा – मईया तोर भुवना फुलवारी जइसने खिले हे, चारों ओर जगमग जोत, कोयल के कुहुक अऊ भक्ति के माहौल बन गे हे।

अंतरा 1 – मईया के सिंहासन फुल ले बने हे, मंडप फुलन के छांव ले सजाय गे हे, जिहा भक्त मन फूल बिछाके आराधना करथें।

अंतरा 2 – केवड़ा, चंपा, चमेली, मोगरा के फूल ले आसन सजाय गे हे।

अंतरा 3 – केवड़िया के दौना अऊ हीरा जड़ित सजावट देखके ब्रम्हा देव चकित हो जाथें, शेषनाग घलो पार नई पाथें।

अंतरा 4 – मईया कमल फूल के लहंगा अऊ सुरुज फूल के ओढ़नी ओढ़के सजी हवंय, जेन मन के हरख बढ़ा देथे।

अंतरा 5 – ब्रम्हा, विष्णु, महेश, शारदा अऊ सब देवता मईया के दर्शन बर आथें, नारद बीना बजाय भक्ति के राग सजाथें।

अंतरा 6 – मईया फूलन के गहना पहिरे हे, अऊ ठाकुर सिंह भगत जस गाके जयजयकार करथें।

गायक परिचय – अरुण यादव (छत्तीसगढ़ी मं)

अरुण यादव छत्तीसगढ़ के नामी भक्ति गायक हवंय, जेन मन अपन मधुर आवाज ले लाखों मन के दिल मं जगह बनाय हवंय. मईया भक्ति, जस गीत अऊ होली गीत गाए हावे,छत्तीसगढ़ी संस्कृति ला आगे बढ़ाय मं इनकर योगदान गजब के हे.

निष्कर्ष (Conclusion)

"मईया तोर भुवना" गीत सिर्फ एक भक्ति गीत नई हे, ये मईया के महिमा, भक्त मन के आस्था अऊ छत्तीसगढ़ी संस्कृति के सुंदर झलक हे.

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