सगा अनगहिया आगे/Dharmendra Sufal Bhagat

<img src="jas-geet-kar-permanand.jpg" alt="परमानंद पुरबिया - छत्तीसगढ़ी जस गीत लेखक, देवी भक्ति गीत सगा अंगहिया आगे के गीतकार" />
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गीत - सगा अनगहिया आगे

गायक - धर्मेंद्र सुफल भगत 

गीतकार - परमांनद पुरबिया 

कैटेगरी - जस गीत ,भग्ति गीत

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मुखड़ा  

सगा अनगहिया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे -2 

उड़ान -गौरी बिहावन बुढ़वा देवा -2 

ओहा तहिआ आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे

अंतरा -1 

यहो जुरयाये सरी देवता धामी पाये शिव के पतिया 

चाँद सुरुज दोनों संग मा रेंगय दिन कहव की रतिहा

यहो लोखन के सब पाछू रहिगे बाजा अउ बरतिया 

भूत्वा ले धरिया सब ले आये सगा हरे की घरतिया

उड़ान - ले जाही का तोला उढ़ररिया -2 

तोर लेवहिया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे

 सगा अनगहिया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे -2 

अंतरा -2  

यहो जोहर जोहर इस्सर राजा गटगट मचे समाये हे 

काल बरन कंकालिन के थन के तनौटी पाये हे 

यहो ढेरहीन बने सदा सुहागी चंडी नेंग निभाये हे 

मटर मटर मटकावत दारी भौजी लेगे बर आये हे 

उड़ान - सास ससुर के नी पता ठिकाना  -2 

येदे अहिआ आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे

 सगा अनगहिया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे -2 

अंतरा -3  

यहो गौरी गौरा मड़वा कीजरे दाई के डोर टिकागे 

जनम जनम के जोड़ी जावर पिरित के बंधना बाधागे 

यहो माई भरोसा तीन परोसा मांदी चंडी खागे 

नोहर सोहर भौजी पाये ननद हां हरसागे 

उड़ान - परमानन्द पुरबिया परके  -2 

मनमोहइया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे

 सगा अनगहिया आगे का या गोई बईला म चढ़के तोर बईहा आगे -

गीत के अर्थ छत्तीसगढ़ी भोली भाखा मा 

ए गीत म  पार्वती ल ओकर सखी मन पार्वती ल  कथे की आन गांव ले तोर दूल्हा भुतहा अउ बईहा दूल्हा आहे कहिके पार्वती ल शेड़थे 

अंतरा 1 म ये बताय हावे 

शिव के  बरतिया जाए  के खत पाके जम्मो देव धामी मन एक जगह सकलाय हाबे ,चंदा अउ सुरुज हा दिन में अउ रात में  बरतिया जाय बे तैयार हो जाथे ,ओकर बाजा बजैया मन हां बरतिया मन ले पछवा जाते वह  के लोगन मन नई चीन सके की घरतीय हरे की बरतिया। 

अंतरा 2 म ये बताय हावे 

एमा चंडी माई, कंकालिन देवी, अउ इस्सर राजा (शिव जी) के विशेष बखान करे गे हे।
भौजी (दुल्हन) के सौंदर्य ला मटकावत आये हवय।
सास-ससुर के जानकारी नई, फेर बरात ह धूमधाम से आइस।

अंतरा 3 म ये बताय हावे 

ए भाग म माई के डोर टिकाके गउरी-गौरा के मड़वा के पूजा करे गे हे।
जनम जनम के जोड़ी बनाय के बात करे गे हे।
नोहर-सोहर अउ ननद-भौजी के हंसी-खुशी म माहौल ला बताइस हे।

गायक के परिचय: धर्मेंद्र सुफल भगत

धर्मेंद्र सुफल भगत छत्तीसगढ़ी जस गीत गायक के रूप म प्रसिद्ध हें। येहर खैरागढ़ जिला के रहियाईया आय एकर  आवाज म मिठास हवय अउ एकर गीत मन म धार्मिक, सामाजिक अउ लोक भावना के संगम देखे ला मिलथे।

गीतकार के परिचय: परमांनद पुरबिया

परमांनद पुरबिया छत्तीसगढ़ी गीत लेखन के क्षेत्र म एक जाना-माना नाम हें। एकर लिखे गीत म गहराई, परंपरा अउ भक्तिभाव झलकथे। छत्तीसगढ़ी में जस गीत अतीक सारा लिखे हे जेकर गिनती नई कर सकथ। 


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👇धर्मेंद्र सुफल भगत के अउ जस गीत निचे दे हावे 👇

  1. मोर आँखि के पुतरी दाई 
  2. मुड़ी के माला 
  3. ज्ञान के देवईया 
  4. बता देना रस्दा मईया 
  5. ये जारे जिवरा 
  6. जिपरहीन होंगे दाई 

ये गीत ल यूट्यूब म सुने बर नीचे  यूट्ब के लिंक दे हावव 👇

     https://youtu.be/gMQK7W_TsQs?si=DFduANQnLTm1dKhC


 
  

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