जस लिरिक्स_झूले नजरें नजर मे दाईं गायक_कांतिकार्तिक यादव गीतकार_मौनी लाला परिकल्पना_केदार Yadav,cgjaslyrics
जस लिरिक्स_झूले नजरें नजर मे दाईं
गायक_कांतिकार्तिक यादव
गीतकार_मौनी लाला
परिकल्पना_केदार Yadav
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Jas lyrics-jhule nare najar me dai
Singer-kantikartik Yadav
Writer-maunilala
consept- Kedar yadav
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झूले नजरें नजर में दाई झूले नजरें नजर में दाई ओ
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माटी के दुर्गा हे महामाई, कइसे करव तोर बिदाई
लागे करलाई ओ
झूले नजरें नजर में दाई झूले नजरें नजर में दाई ओ-२
(१) नवदिन बर माटी के दुर्गा पुतरी अस समर के ओ
दुर्गा चरण पूजा पावत हे महिषासुर मर के ओ
उड़ान -" बैरी जबर होगे दाई, बैरी अमर होगे दाई"
चरण पद पाई ओ
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(२) झलकत हे तोर गहना गुटिया, आंखीआंखी म झूल के ओ
बघवा ऊपर माता बिराजे ,हाथ धरे त्रिसूले ओ
उड़ान - " चमके रिगबिग रिगबिग माता....(२)
रहिबे तै सहाई ओ
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(३)घर अंगना बिहान लागे,तोर बिदाई ओ
भीतरी भीतरी मन कलपत हे, अंतस फटे छाती ओ
उड़ान -" हे दुर्गा अनपूर्णा दाई होगे सुन्न सुन्ना माई"
लागे पहुनाई ओ
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(४) बच्छड़ भर म लहूट के आबे माटी के दुर्गा दाई ओ
चलत चलागन पुरखा पुरातन कैसे करन विदाई ओ
उड़ान -" लिखे परमानंद कठोलिया........(२)
कांतिकार्तिक श्री नाई ओ
झूले नजरें नजर में दाई झूले नजरें नजर में दाई ओ-२
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